इलेक्ट्रिक कार का महत्व समझाने देने के लिए न्यूजीलैंड के वीबे ने की 95 हजार किलोमीटर की यात्रा

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लाइफस्टाइल डेस्क. इलेक्ट्र्रिक कारों के इस्तेमाल के लिए लोगों को जागरूक करने न्यूजीलैंड के वीबे वाकेर ने इलेक्ट्र्रिक कार से 95 हजार किलोमीटर का सफर तय किया है। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में यह यात्रा खत्म हुई है। वीबे का लक्ष्य यह बताना था कि इलेक्ट्र्र्रिक कारों का इस्तेमाल बढ़े तो जलवायु परिवर्तन से पैदा होने वाली समस्याओं से निपटा जा सकता है।

  1. वीबे ने टर्की, ईरान, भारत, म्यांमार, मलेशिया और इंडोनेशिया समेत 33 देशों की यात्रा की है। नीदरलैंड से ऑस्ट्रेलिया का सफर तीन सालों में पूरा किया है। यह यात्रा लोगों से मिलने वाली आर्थिक सहायता से पूरी हुई है। इस दौरान लोगों ने बिजली, खाना और सोने के लिए जगह भी उपलब्ध कराई। वीबे ने यह सफर अपनी मोडिफाइड इलेक्ट्र्रिक कार से किया है, जिसका नाम उन्होंने द ब्लू बैंडिट दिया है। इनका दावा है कि यह इलेक्ट्रिक कार की गई दुनिया की सबसे लंबी यात्रा है।

  2. उनका कहना है कि वे लोगों को सोच को बदलना चाहते हैं और इलेक्ट्र्रिक कारों के इस्तेमाल के लिए प्रेरित करना चाहते हैं। वीबे कहते हैं अगर मैं इलेक्ट्रिक कार से दुनिया का चक्कर लगा सकता है हूं तो इसे आमतौर पर लोगों को चलाने में क्या हर्ज नहीं है।

  3. वीबे के मुताबिक, कार को मोडिफाई करने से पहले इतनी दूरी तय करने में 6785 लीटर पेट्रोल खर्च होता है। लेकिन मोडिफिकेशन के बाद कार को एक सिंगल चार्जिंग से 200 किलोमीटर का सफर तय किया जा सकता है। पूरी यात्रा में वीबे ने बिजली पर मात्र 20,800 रुपए खर्च किए हैं।

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      Dutchman ends worlds longest electric car trip in Australia

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