लाइफस्टाइल डेस्क. चीन के हेफेई शहर में एक स्पेशल फुटबॉल टीम बनाई गई है। इसमें 8-14 साल के 22 खिलाड़ी शामिल हैं। खेल में खिलाड़ी की कोई पोजिशन नहीं है और न ही इन पर जीत के लिए किसी तरह का दबाव है। खिलाड़ियों में सिर्फ एक ही बात कॉमन है सभी ऑटिज्म से पीड़ित हैं। ऑटिज्म एक तरह का न्यूरो डेवलपमेंट डिसऑर्डर है जो धीरे-धीरे ऐसे बच्चों में संवाद करने की क्षमता को खत्म करता है।
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22 खिलाड़ियों की टीम को स्टार ड्रीम नाम दिया गया है। इसकी शुरुआत पिछले साल अप्रैल में की गई थी। फुटबॉल टीम के को-फाउंडर झेन शिनपिंग का कहना है कि हमे इन्हें प्रोफेशनल खिलाड़ी नहीं बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य इन्हें मैदान में लाना और खेल के दौरान फुटबॉल की मदद से एक-दूसरे से बातचीत करने के लिए प्रेरित करना है।
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मंगलवार को वर्ल्ड ऑटिज्म डे पर ये खिलाड़ी इकट्ठा हुए और फुटबॉल टूर्नामेंट में हिस्सा लिया। टीम इन खिलाड़ियों के लिए प्रोफेशनल कोच, मैदान और खेल से जुड़ी सभी जरूरी चीजें उपलब्ध कराती है। टूर्नामेंट करीब डेढ़ घंटे का होता है जो हर शनिवार को आयोजित किया जाता है।
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टीम के को-फाउंडर झेन शिनपिंग का कहना है कि जब ये बच्चे पहली बार इकट्ठा हुए थे तो उन्हें फुटबॉल की कोई जानकारी नहीं थी। ये सॉकर बॉल को खेलते थे और इसे पकड़ने के लिए मैदान में भागते थे। इनके लिए किसी भी तरह नियम नहीं बनाए गए हैं। ये बच्चे फुटबॉल को ठीक से समझ सकें इसलिए हर बच्चे के साथ एक इंसान असिस्टेंट के तौर पर रहता है जो साथ में खेलता भी है।
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मैदान में हरे चमकदार रंग की ड्रेस में खिलाड़ी नजर आते हैं। यूं तो फुटबॉल कोई भी खेल सकता है लेकिन ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों के लिए यह खेल बेहद खास है। 11 साल के ऑटिज्म से पीड़ित ओआओ की मां कहती हैं मैं इसे देखकर बहुत खुश थी। वह कहती हैं एक बार जब लोग इससे बात करने की कोशिश कर रहे थे तो यह भाग गया था लेकिन अब यह लोगों से बात करता है और उनसे नजरें भी मिलाता है।
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2015 में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में करीब 1 करोड़ लोग ऑटिज्म से पीड़ित हैं इसमें 20 लाख सिर्फ बच्चे हैं। अब तक इसका कोई पुख्ता तौर पर इलाज नहीं ढूंढा जा सकता है। हालांकि लोग ऐसे बच्चों को फुटबाल जैसे खेलों की मदद से समाज से जोड़ने का काम कर रहे हैं।