गुमनामी की जिंदगी जी रहा है यह अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग क्रिकेटर

सोनभद्र। नीति आयोग द्वारा देश के 115 अति पिछड़े जिलों की सूची में शामिल जनपद सोनभद्र में सीमित संसाधन के बावजूद यहां की प्रतिभा अपना स्थान राष्ट्रीय स्तर पर देने में कटिबद्ध है. इसी प्रतिबद्धता को लेकर संकल्पित एक दिव्यांग क्रिकेटर ने जिले का ही नहीं बल्कि देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है।

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यह दिव्यांग खिलाड़ी लव वर्मा है, जो दिसंबर 2014 में श्रीलंका दौरे पर गए, जिसमें मैन ऑफ द सीरीज से पुरस्कृत हुए थे और भारत सीरीज 3-0 से जीता. इसके बाद 2015 में 5 देशों की एशिया कप में जीत हासिल किया. बांग्लादेश और भारत के बीच सीरीज रांची में हुई, जिसमें भारत की जीत हुई. लव वर्मा को बेस्ट फील्डर का अवार्ड मिला था।
इसके बाद 2017 में बांग्लादेश का दौरा किया, जिसमें श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच सीरीज हुआ था. इसमें भारत-बांग्लादेश संयुक्त विजेता थी. इसके बाद 12 से 14 मार्च 2019 को भारत और नेपाल के बीच तीन मैचों की सीरीज हुई, जिसमें 3-0 से मैच जीता था।

लव वर्मा का कहना है कि आज देश में सभी खिलाड़ियों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. इसलिए प्रधानमंत्री ने जिस सम्मान के साथ विकलांगों को दिव्यांग शब्द से संबोधित करके दिव्यांगों को सम्मानित किया. उसी तरह दिव्यांग खिलाड़ियों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए सरकार उनकी योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी दें.

लव वर्मा के पिताजी अनपरा पॉवर कार्पोरेशन में नौकरी करते है और लव वर्मा क्रिकेट को अपना जीवन मानकर जिले ही नहीं देश का नाम अंतराष्ट्रीय स्तर पर रोशन करना चाहते हैं. यही कारण है कि लव वर्मा सबसे पहले सोनभद्र क्रिकेट ऐसोसिएशन में अपने चयन के लिए ओबरा गए, जहां सेलेक्टर इनकी प्रतिभा को देखकर अपने आप को नहीं रोक पाए और इनका सेलेक्शन हुआ।
सोनभद्र क्रिकेट एसोसिएशन के जिला सचिव ने बताया कि इनके अंदर वह प्रतिभा थी, जिसके बल पर आगे गए हैं. हम लोग तो हर खिलाड़ियों को सपोर्ट करते हैं. अब लव वर्मा इस बात को मानते हैं यही उनकी महानता है।

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