हेल्थ डेस्क. भाषा दिमाग में जगह घेरती है। एक नए शोध के मुताबिक, अंग्रेजी भाषा दिमाग में 1.5 मेगाबाइट्स की जगह लेती है। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी और रोचेस्टर यूनिवर्सिटी में हुई संयुक्त रिसर्च के अनुसार, हार्ड ड्राइव में मौजूद तस्वीर की तरह भाषा भी में दिमाग कुछ जगह घेरती है, अंग्रेजी भाषा के मामले में खासतौर पर ऐसा होता है। शोधकर्ताओं ने यह जानने की कोशिश की है कि अंग्रेजी भाषा के कई हिस्सों को स्टोर करने के लिए दिमाग में कितने डाटा की जरूरत होती है।
-
शोधकर्ताओं के अनुसार, हमारा दिमाग शब्दों को स्टोर करने के साथ उसे कैसे बोलना है यह भी स्टोर करता है। एक शब्द का दूसरे शब्दों के साथ कैसे तालमेल बिठाना है, यह भी दिमाग का हिस्सा है। दिमाग जानकारी को रखने में कितनी जगह लेता है इसे जानने के लिए शोध किया गया है। शोधकर्ताओं ने गणित की इंफॉर्मेशन थ्योरी का सहारा लिया। जिसमें बताया गया है कि जानकारी कैसे चिन्हों के क्रम में स्टोर की जाती हैं।
-
शोधकर्ताओं ने एक जैसे उच्चारण वाले 50 शब्द लोगों से बोलने को कहे। एक शब्द को स्टोर करने में करीब 15 बिट्स लगे। इसके बाद इंसान के दिमागी शब्दकोश का परीक्षण किया गया। इसमें एक इंसान ने औसतन 40 हजार शब्दों का प्रयोग किया। जिसमें 4 लाख बिट्स डाटा लगने की बात सामने आई। हालांकि शोध के अनुसार, हर शब्द को बोलने
-
शोधकर्ता फ्रेंक मोलिका के मुताबिक, अगर मैं आपको टर्की शब्द बोलूं इससे जुड़ी कोई न कोई जानकारी आपके पास होगी। आप कोई न कोई जवाब जरूर देंगे। जर्नल रॉयल सोसायटी ओपन साइंस में प्रकाशित शोध के अनुसार, अंग्रेजी दूसरी भाषाओं के मुकाबले दिमाग में ज्यादा जगह लेती है।
-
शोधकर्ताओं का कहना है कि हम वो सीखते हैं जो हमारे आस-पास सुनाई देता है, जैसे एक बच्चा। लेकिन अब तक ये बात सामने नहीं आ पाई है कि ऐसा कैसे होता है। लेकिन एक बात साफ है कि डिक्शनरी के शब्दों को उनकी परिभाषा के साथ दिमाग में स्टाेर करना आसान नहीं है। इसी तरह भाषा से जुड़ी दूसरी बातों को भी रिसर्च का हिस्सा बनाया गया।