जैसा बच्चा, वैसी गुड़िया, कैंसर पीड़ित बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए हूबबू उनके जैसी डॉल बना रहीं एमी

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लाइफस्टाइल डेस्क. बर्लिन की एमी कैंसर पीड़ित बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाने के साथ उन्हें बीमारी से लड़ने का जोश भर रही हैं। शरीर में किसी तरह की खामी बच्चों को दुख न पहुंचाए और उनके अकेलेपन को दूर करने लिए वह खास तरह की गुड़िया बना रही हैं। गुड़िया हूबहू वैसी दिखती है जैसा बच्चा दिखता है। उनका कहना है ऐसे बच्चे जब खुद की तरह दिखने वाली गुड़िया को पाते हैं तो उन्हें खुशी मिलती और अकेलापन दूर होता है।

  1. एमी एक मेडिकल सोशल वर्कर हैं और कैंसर से पीड़ित बच्चों के प्ले थैरेपी सेंटर में भी काम करती है। वह बताती हैं मैंने कैंसर से पीड़ित बच्चों और उनके पेरेंट्स का दर्द करीब से देखा है। गुड़िया का लुक कैंसर पीड़ित और स्पेशल बच्चों के लिए काफी मायने रखता है क्योंकि वे इससे खुद को जोड़ पाते हैं। इसलिए मैने ‘ए डॉल लाइक मी’ कैंपन शुरू किया है।

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  2. एमी बताती हैं कि कुछ साल कैंसर पीड़ित लड़कियों को उनके जैसी गुड़िया देकर थैरेपी कराई गई तो उनकी भावनाओं में इजाफा देखा गया। ऐसे बच्चों का खुश रहना बेहद जरूरी है। कैंसर ट्र्रीटमेंट के दौरान बच्चों के पास कोई खिलौना नहीं होता। कई बार उनके बाल गिर जाते हैं। ऐसे में जब उन्हें सामान्य गुड़िया दी जाती है खुद के बाल न होने पर हीन भावना महसूस करते हैं। जिसे दूर करना जरूरी है। उनके जैसी गुड़िया बच्चों के लिए एक थैरेपी की तरह काम करती है क्योंकि यह इंसानों की तरह दिखती है।

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  3. पिछले चार सालों में मैने करीब 300 गुड़िया बनाई है। हालांकि 3 बच्चों की मां होने के नाते मैं इसे ज्यादा नहीं बना पाती। इस कारण कई पेरेंट्स और बच्चों को इसके लिए इंतजार करना पड़ता है। एक गुड़िया की कीमत 6-7 हजार रुपए है जिसे कई पेरेंट्स कोरियर की मदद से भी मंगाते हैं। जो पेरेंट्स भुगतान करने में असमर्थ होते हैं उनके लिए मैं फंड जुटा रही हूं। इस मुहिम के तहत लोगों से, चर्च में समूहों और लड़कियों से पैसे डोनेट करने की गुजारिश कर रही हूं। अब तक साढ़े तीन लाख रुपए इकट्ठे हो चुके हैं।

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  4. एमी के मुताबिक, मेरी लड़की के बाल सुनहरे और आंखों नीली हैं, जब वह एक स्टोर पर गई तो उसने अपने जैसी एक गुड़िया देखी और बोली यह मेरे जैसी है। लेकिन कैंसर से पीड़ित ऐसे कई बच्चे हैं जो ऐसा नहीं कर पाते। ऐमी का कहना है जब बच्चे काफी छोटे होते हैं तभी से उनमें खुद को लेकर इमेज बनने लगती है और जवान होने तक उसे वह मानने लगते हैं। जैसे मेरी 3 साल की बेटी चाहती है कि वह डिज्नी की राजकुमारी जैसी दिखे। गुड़िया पाने के बाद बच्चे किस हद खुश होते हैं, पेरेट्स इसका वीडियो भी मेरे साथ शेयर करते हैं।

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      Amy Jandrisevit started A Doll Like Me campaign and making doll for child who suffering from cancer


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