कोल इंडिया के चेयरमैन ने कोयला उत्पादन एवं उत्पादकता में बढ़ोतरी के लिए सक्षम सुझाव एवं निर्देश भी दिए कोल इंडिया सीएमडी ए॰ के॰ झा एनसीएल दौरे परसिंगरौली एनसीएल के आला अधिकारियों के साथ कंपनी के उत्पादन एवं उत्पादकता से जुड़े विषयों की समीक्षा कीजयंत खदान का निरीक्षण किया, एनसीएल के उत्कृष्ट अधिकारियों-कर्मचारियों को सम्मानित कियानॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) की होल्डिंग कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (सीएमडी) श्री ए॰ के॰ झा बुधवार को अपने पहले एनसीएल दौरे पर पहुंचे। एनसीएल पहुंचते ही उन्होंने सर्वप्रथम कंपनी मुख्यालय में अमर शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि एवं शहीद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर शहीद खनिकों को श्रद्धांजलि दी। इससे पहले केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ़) की टुकड़ी ने एनसीएल मुख्यालय में श्री ए॰ के॰ झा को गार्ड ऑफ ऑनर दिया।इसके बाद ए॰ के॰ झा ने एनसीएल मुख्यालय में कंपनी के कोयला उत्पादन एवं उत्पादकता से जुड़े विषयों पर समीक्षा बैठक ली। बैठक में एनसीएल के सीएमडी पी॰ के॰ सिन्हा, निदेशक (तकनीकी/संचालन) गुणाधर पाण्डेय, मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) ए॰ के॰ श्रीवास्तव, निदेशक (तकनीकी/परियोजना एवं योजना) पी॰ एम॰ प्रसाद, निदेशक (वित्त) एन॰ एन॰ ठाकुर और एनसीएल के सभी कोयला क्षेत्रों एवं इकाइयों के महाप्रबंधक/प्रमुख, एनसीएल मुख्यालय के महाप्रबंधक एवं विभागाध्यक्ष उपस्थित थे। साथ ही, एनसीएल के सभी कोयला क्षेत्रों एवं इकाइयों की टीमों ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये समीक्षा बैठक में भाग लिया।एनसीएल दौरे की अगली कड़ी में श्री ए॰ के॰ झा ने एनसीएल की दूसरी सबसे बड़ी कोयला परियोजना जयंत का दौरा कर जयंत खदान की प्लानिंग एवं कार्यप्रणाली समझी। साथ ही, उन्होंने कोयला उत्पादन एवं उत्पादकता में बढ़ोतरी के लिए सक्षम सुझाव एवं निर्देश भी दिए।बुधवार को ही ए॰ के॰ झा ने बतौर मुख्य अतिथि जयंत क्षेत्र आवासीय परिसर में नवनिर्मित कल्याण मंडप का उद्घाटन किया। इस कल्याण मंडप का उपयोग एनसीएल के अधिकारियों-कर्मचारियों के परिवारजनों के विवाह समारोहों के आयोजन के लिए किया जाएगा। 17,050 वर्ग मीटर क्षेत्र में निर्मित कल्याण मंडप परिसर अतिथियों के आराम के लिए 24 कमरों, विवाह मंडप, मैरिज हॉल, स्टेज, पार्किंग जैसी सुविधाओं से लैस है। साथ ही, डाइनिंग हॉल, रसोई घर और लॉन की सुविधा भी है।तत्पश्चात उन्होंने जयंत क्षेत्र के विजय स्टेडियम में आयोजित श्रमिक सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। कार्यक्रम में एनसीएल की विभिन्न कोयला परियोजनाओं एवं इकाइयों के 27 महिला एवं पुरुष अधिकारियों-कर्मचारियों को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया।ए॰ के॰ झा गुरुवार को भी एनसीएल की विभिन्न कोयला परियोजनाओं एवं खदानों का दौरा कर कंपनी के काम-काज का जायजा भी लेंगे। इस दौरान एनसीएल सीएमडी श्री पी॰ के॰ सिन्हा, कंपनी निदेशक मंडल, सीवीओ और अन्य आला अधिकारी उनके साथ रहेंगे।100 मिलियन टन कोयला उत्पादन करने वाली देश की तीसरी कंपनी बनी एनसीएलशीर्ष नेतृत्व ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए टीएम एनसीएल को दी हार्दिक बधाईनॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) अब सालाना 100 मिलियन टन कोयला उत्पादन करने वाली देश की तीसरी कंपनी एवं कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की भी तीसरी अनुषंगी कंपनी बन गई है। मंगलवार को कंपनी ने यह ऐतिहासिक मुकाम हासिल कर लिया और इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष में कंपनी को मिला 100 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य भी पूरा हो गया। कंपनी ने वित्त वर्ष की समाप्ति से पांच दिन पूर्व ही अपना उत्पादन लक्ष्य पूरा कर लिया है, जो कंपनी के इतिहास में किसी वित्त वर्ष के दौरान किया सर्वाधिक कोयला उत्पादन है। यह सुखद संयोग है कि एनसीएल ने अपनी यह ऐतिहासिक उपलब्धि उस वक्त हासिल की है, जब होल्डिंग कंपनी सीआईएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (सीएमडी) ए.के. झा बुधवार से दो दिवसीय एनसीएल दौरे पर हैं।कंपनी की इस अभूतपूर्व उपलब्धि के लिए सीआईएल सीएमडी श्री ए.के. झा, एनसीएल सीएमडी श्री पी.के. सिन्हा, निदेशक (तकनीकी/संचालन) श्री गुणाधर पांडेय, निदेशक (तकनीकी/परियोजना एवं योजना) श्री पी.एम. प्रसाद एवं निदेशक (वित्त) श्री एन.एन. ठाकुर ने टीम एनसीएल को हार्दिक बधाई दी है और कहा कि इस उपलब्धि के साथ ही यह वित्त वर्ष (2018-19) एक इतिहास का गवाह बना है, जिसे आने वाले समय में हमेशा याद रखा जाएगा और इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया है कि टीम एनसीएल में असीम क्षमताएं हैं। शीर्ष नेतृत्व ने उम्मीद जताई है कि कंपनी इसी जज्बे आगे बढ़ते हुए लगातार कामयाबी की नई इबारत लिखती रहेगी।कंपनी का कोयला प्रेषण (डिस्पैच) भी मंगलवार को 100 मिलियन टन को पार कर 100.14 मिलियन टन हो गया, जो 100.50 मिलियन टन लक्ष्य के बेहद करीब है और उम्मीद है कि वित्त वर्ष की समाप्ति के पहले ही कंपनी यह लक्ष्य भी हासिल कर लेगी। कंपनी की ज्यादातर कोयला परियोजनाएं या तो अपना वार्षिक लक्ष्य पूरा कर चुकी हैं या लक्ष्य से अधिक कोयला उत्पादन एवं प्रेषण कर चुकी हैं। उम्मीद है कि बची हुईं परियोजानाएं भी समय रहते या समय पर अपने लक्ष्य हासिल कर लेंगी।