भारत सहित 18 देशों में जारी हुए हैं गोरैया पर डाक टिकट मकसद यही कि आमजन इसे बचाने के प्रति हो जागरूक

[ad_1]


लाइफस्टाइल डेस्क. करीब 10 साल पहले तक हमारे घर-आंगन में गोरैया की चहक आम थी, लेकिन आज यह नन्ही चिड़िया संकट में है। अंग्रेजी में कॉमन हाउस स्पेरो के नाम से जानी जाने वाली गौरेया लगभग सभी देशों में पाई जाती है, लेकिन इसकी संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। इन्हें संरक्षित करने के लिए साल 20 मार्च, 2010 से हर साल विश्व गोरैया दिवस यानी वर्ल्ड हाउस स्पेरो डे मनाया जाता है। इस मौके पर भास्कर मिला खमेसरों का टिंबा (जगदीश चौक) निवासी 52 वर्षीय पुष्पा खमेसरा से, जो 40 साल से गोरैया सहित लुप्त होने के कगार पर पहुंचे चुके परिंदों पर देश-विदेश में जारी डाक टिकटों का कलेक्शन कर रही हैं।

उन्होंने बताया कि भारत, ब्रिटेन, चीन, अमेरिका, बांग्लादेश, स्पेन, सीरिया, बेलारूस, मार्शल आइलैंड, सेंट्रल अफ्रीका, कजाकिस्तान, युगांडा जैसे 18 देशों में गोरैया पर डाक टिकट जारी हुए हैं, जिनका कलेक्शन उनके पास है। वे अब तक 320 देशों में विभिन्न पक्षियों पर जारी किए 10 हजार से ज्यादा डाक टिकटों का संग्रह कर चुकी हैं। उद्देश्य देशभर में जगह-जगह इनकी प्रदर्शनी लगाकर लोगों में पक्षी प्रेम जगाना है। उन्होंने बताया भारतीय डाक विभाग ने भी इनके संरक्षण एवं जन जागृति के लिए 9 जुलाई 2010 को डाक टिकट जारी किया था और दिल्ली सरकार ने इसे राज्य पक्षी घोषित किया था।

  1. पक्षी विशेषज्ञ विनय दवे बताते हैं कि गोरैया के घोंसलों की जगह खत्म होती जा रही है। पेस्टिसाइड युक्त दाना खाने से भी गोरैया मरती जा रही हैं। वहीं मैना की लगातार बढ़ रही संख्या के कारण दोनों के बीच वर्ग संघर्ष की स्थिति पैदा हो गई है।

    • हालात ये हैं कि मैना गोरैया को उनके घोंसलों से खदेड़ देती है। अनाज के ज्यादा दाने खाने से गोरैया का पाचन तंत्र खराब हो जाता है। इसकी बड़ी वजह पक्षी प्रेमियों का उसे जरूरत से ज्यादा दाना खिलाना भी है।
    • असल में गोरैया का पाचन तंत्र कीट-पतंगों को खाने के लिए उपयुक्त बताया जाता है। कीट-पतंगे खाने से ही उसे प्रोटीन मिलता है। इससे एक छोर पर उसका शारीरिक विकास होता है तो दूसरी ओर कीट-पतंगों की संख्या भी नियंत्रित रहती है।
  2. अपने घरों के बाहर बॉक्स नुमा वस्तु टांग दें ताकि गोरैया उनमें अपना आशियाना बना ले

    • गोरैया को दाना कम खिलाएं
    • पानी पिलाने के लिए मिट्टी के ही पात्र रखें
    • पेस्टिसाइड जैसे रसायन के उपयोग पर लगाम लगाएं।
    1. Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today


      special story for world gauraiya day

      [ad_2]
      Source link

Translate »