साइंस डेस्क. समुद्र में बढ़ते प्लास्टिक कचरे से मछलियों का दम घुट रहा है। हालिया उदाहरण फिलीपींस में पकड़ी गई मछली का है, जिसके पेट में 40 किलो प्लास्टिक पाया गया। मरीन बायोलॉजिस्ट डेरेल ब्लाचले और डीबोन कलेक्टर म्यूजियम की टीम ने फिलीपींस के एक आईलैंड पर मछली को मरा हुआ पाया। डेरेल के मुताबिक, दुनिया में पहली बार इतनी मात्रा में प्लास्टिक व्हेल के शरीर से मिली है।जांंच में मौत का कारण गैस्ट्रिक शॉक बताया गया है। फिलीपींस के डवाओ सिटी में ‘डीबोन कलेक्टर’ नाम का म्यूज़ियम है, जो जानवरों के स्केलेटन का शोकेस करते हैं।
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‘डीबोन कलेक्टर’ म्यूजियम के फेसबुक पेज दी गई जानकारी के मुताबिक, 16 मार्च को एक कम उम्र की व्हेल मछली को रिकवर किया गया है। जिसके पेट में 40 किलो के प्लास्टिक बैग मिले हैं। इसमें 16 चावल की बोरियां समेत कई शॉपिंग बैग पाए गए हैं। प्लास्टिक सामान की पूरी लिस्ट कुछ दिनों में जारी की जाएगी। जितनी प्लास्टिक इस व्हेल मछली के पेट में मिली हैं, उतनी आज तक किसी मछली में नहीं मिली। यह बहुत ही वाहियात है। जो लाेग समुद्र को कचरादान समझते हैं उन्हें खिलाफ सरकार जल्द की कार्रवाई करेगी।
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अटॉप्सी के बाद सामने आई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि किस हद तक व्हेल के शरीर में प्लास्टिक कचरे की तरह भरी हुई थी। आंतों में प्लास्टिक भरने के कारण गैस्ट्रिक शॉक से उसकी मौत हुई। म्यूजियम के बायोलॉजिस्ट का कहना है कि पहली बार इतनी मात्रा में प्लास्टिक व्हेल के शरीर से मिली है।
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मरीन बायोलॉजिस्ट डेरेल ब्लाचले के मुताबिक, पिछले 10 सालों में उन्होंने मर चुकी 57 ऐसी मछलियां देखा है जिनकी मौत पेट में प्लास्टिक कचरा जाने से हुई है। पिछले साल जून में दक्षिणी थाइलैंड में व्हेल की मौत हुई है। जिसके पेट में 80 प्लास्टिक बैग पाए गए थे। इनका वजन 8 किलो था।
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दक्षिणी-पूर्वी एशिया में सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। 2017 में सामने आई समुद्र संरक्षण पर जारी हुई एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन, इंडोनेशिया, फिलीपींस, थाइलैंड और वियतनाम के समुद्र में सबसे ज्यादा प्लास्टिक कचरा फेंका जा रहा है।