मैं काशी आया नहीं, मुझे बुलाया गया है, भोले बाबा ने हमारे भीतर एक चेतना जगाई, यह सपना सज गया- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

*अब मां गंगा के साथ भोले बाबा का सीधा संबंध जोड़ दिया है, गंगा स्नान कर के बाबा के चरणों में सर झुका सकते हैं

*इसके लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की भूमिका सबसे अहम है*

*प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा कि आज 40 मंदिरों के मुक्ति का भी अवसर आ गया

*40 से ज्यादा मूल्यवान मंदिरों को लोगों ने अपने घरों में कब्जा कर रखा था

*ढाई सौ साल बाद शायद परमात्मा ने मेरे नसीब में ये काम लिखा था

वाराणसी।* वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा 2014 में मुझे काशी बुलाया गया था उसके पीछे एक मकसद था और वो मकसद था पुरातन मंदिरों को बचाने का। 40 से ज्यादा मूल्यवान मंदिरों को लोगों ने अपने घरों में कब्जा कर के दबा रखा था। प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा कि आज 40 मंदिरों के मुक्ति का भी अवसर आ गया। मुझे बताया गया कि शायद दशकों के बाद ऐसी शिवरात्रि यहां मनाई गई। लाखों के तादात में लोग शिवभक्ति में लीन हुए। पूरा परिसर शिवभक्तों से भरा था। उन्होंने कहा कि अब मां गंगा के साथ भोले बाबा का सीधा संबंध जोड़ दिया है। गंगा से हम सीधे स्नान कर के भोले बाबा के चरणों में सर झुका सकते हैं।

काशी के बारे में बात करते हुए मोदी जी ने कहा कि ये धाम हमें मां गंगा से जोड़ेगा। इससे पूरे विश्व में काशी की नई पहचान बनने वाली है। ढाई सौ साल बाद शायद इस परमात्मा ने मेरे नसीब में ये काम लिखा था, इस कार्य के लिए। और इसीलिए शायद जब हम 2014 में चुनाव के लिए आया था, तब मेरे भीतर से आवाज निकली थी, आया नहीं हूं, मुझे बुलाया है। आज मुझे लगता है कि जो बुलाया था, वो एसे ही कामों के लिए था। इन कामों को पूरा करने का संकल्प फिर एक बार प्रबल हुआ है। ये काशी से ही नहीं बल्कि देश वासियों से जुड़ा हुआ है। मैं तो बनारस हिन्दू विश्वविद्याल से गुजारिश करूंगा, कि इस पूरे काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण का जो कांसेप्ट है, इसका रिसर्च किया जाना चाहिए। ताकि जब ये काम पूरा होगा, तो दुनिया के सामने हम रख पाएंगे को एक धाम को कैसा बनाया गया।

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि ये काशी विश्वनाथ महादेव, यह भोले बाबा का स्थान करोड़ों-करोड़ों लोगों के आस्था का स्थान हैं। लोग काशी आते हैं, उसका मूल का कारण अपार श्रद्धा है। उस आस्था को बल मिलेगा। हमारे मंदिरों की रक्षा कैसे हो, व्यवस्था कैसे हो, उसका माडल तैयार होगा। पुरातन को बचाए रखते हुए आधुनकिता कैसे लायी जा सकती है, इसका एक अच्छा मिलन इस परिसर में दिखेगा। उन्होंने कहा कि अहिल्या देवी ने सदियों के बाद इसका पुनरुद्धार का बीड़ा उठाया था। करीब ढाई सौ साल पहले उस स्थान को एक रूप मिला। अहिल्या बाई का इसमें बड़ा रोल रहा। अगर आप सोमनाथ जाएंगे तो वहां भी अहिल्या बाई ने बड़ी भूमिका निभाई थी। शिव भक्ति में लीन अहिल्या बाई ने सब कांम किया।

प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा कि भोले बाबा की चिंता किसी ने की, नहीं की। सबको अपनी चिंता थी। मैं हैरान हूं, जब इतने सारे इमारतों को तोड़ना शुरू किया, तो पता नहीं था कि 40 से ज्यादा इतने मूल्यवान मंदिरों को लोगों ने अपने घरों में कब्जा कर के दबा रखा है। उसमें किचन के साथ-साथ पता नहीं क्या-क्या बना दिया। ये तो अच्छा हुआ कि भोले बाबा ने हमारे भीतर एक चेतना जगाई, यह सपना सज गया। और उसके कारण सिर्फ भोले बाबा ही नहीं, बल्कि 40 के करीब ऐसे एतिहासिक पुरातत्वीय मंदिर अंदर से मिले। इस धाम में जब देश और दुनिया के यात्री आएंगे तो उन्हें अजूबा लगेगा, कि कैसा काम हमारे कुछ लोगों ने कर दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा कि काशी विश्वनाथ धाम समग्र चेतना और सामाजिक चेतना का केंद्र बनने वाला है। इसके लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार की भूमिका सबसे अहम है। उन्होंने कहा कि शुरू के मेरे तीन साल में अगर राज्य सरकार का सहयोग मिला होता तो यह अब तक कंपलीट हो गया होता। लेकिन जब से योगी जी की सरकार बनी तबसे काशी के कामों में सुविधा बनी है। इन सुविधाओं को पूरा करने का अवसर मिला है। हम लोग ये जो 40 मंदिर प्राप्त हुए हैं, उसको भी उसी प्रकार से संभालेंगे। बीएचयू के लोग इस पर भी रिसर्च करें। बाबा के चरणों में मैं अपना सर झुकाकर पवित्र कार्य प्रारंभ करने जा रहा हूं।

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