मोची को भी नही मिला आवास,आखिर किसको मिलेगा सरकार की योजनाओं लाभ

@भीमकुमार

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दुद्धी। प्रधानमंत्री का हर गरीब को छत मुहैया कराने के लिए चलाई जा रही प्रधानमंत्री आवास दुद्धी ब्लॉक में दम तोड़ रही हैं और ग्राम प्रधान एवं ग्राम पंचायत अधिकारी की मनमानी भेंट चढ़ गई हैं इसलिए पात्र गरीब आज भी वगैर छत के ही जीवन गुजरने को बेबस हैं ।ऐसा ही एक मामला ब्लॉक क्षेत्र के रजखड़ गांव के निवासी एक मोची परिवार सतवंत उर्फ़ बहादुर के साथ देखनी को मिल रही हैं जिसे योजना के लगभग 4 साल बाद भी प्रधानमंत्री आवास नही मिल सका जिससे गरीब मोची परिवार कच्चे जर्जर आवास में रहने को बेबस हैं । बताया जाता हैं कि दुद्धी ब्लॉक क्षेत्र के रजखड़ गांव में सतवंत उर्फ़ बहादुर का परिवार रहता है जिनके जिम्मे पत्नी मुनिया देवी सहित पांच परिवार की पालन – पोषण की जिम्मेदारी है ।इसलिए मोची सतवंत उर्फ़ बहादुर प्रतिदिन दो जून की रोटी के लिए दुद्धी कोतवाली के ठीक बगल में मंदिर के समीप फुटपाथ पर मोची का काम करता हैं और शाम को जो भी गरीब को दिन भर में मजदूरी मिलता हैं उसी से अपनी घर चलाता है ।कभी कभी तो दिन भर बैठने के बाद खाली हाथ भी घर लौटना पड़ता हैं ।इसलिए मुफलिसी में जिंदगी काटने पर बहादुर का परिवार मजबूर हैं ।जबकि इनके पास उतनी भूमि भी नही है जिससे खेती करके गुजारा भत्ता चल सके इसलिए इतनी गरीबी में जीवन यापन कर रहे परिवार की ओर अब तक ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी का ध्यान इसलिए नही गया कि इस परिवार के पास पैसे नहीं है और बिना पैसे दिये गरीब को प्रधानमंत्री आवास मिलना मुश्किल सा प्रतीत होता हैं ।मोची का काम करने वाले सतवंत उर्फ़ बहादुर कहते हैं कि हमें देश के प्रधानमंत्री पर गर्व है जिन्होंने गरीबो के लिए कई योजनाएं संचालित किए हैं जिसमें गरीबो के लिए पी एम आवास भी शामिल हैं ।लेकिन हमारे ग्राम प्रधान 3-4 साल से आवास देने की बात कह रहे हैं और एक-दो बार फोटो भी खिंच कर ले गए हैं लेकिन न जाने कब तक प्रधानमंत्री आवास में रहने को नसीब होगा यह कह नही सकते ।जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह चुके हैं कि 15 मार्च तक पी एम आवास का निर्माण अवश्य पूरा कर लिया जाए ।

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