फूड डेस्क। बीत कुछ ही समय में भारतीय सेना ने दो बार पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों को सबक सिखा दिया। एक बार फौज ने सर्जिटकल स्ट्राइक की तो दूसरी बार इंडियन एयरफोर्स ने एयर स्ट्राइक कर आतंकियों के ठिकाने तबाह कर दिए। हमारी सेना खुद को मजबूत रखने के लिए काफी हेल्दी डाइट लेती है। कुछ डिशेज तो ऐसी हैं, जो सेना ने ही इजाद की हैं। जानिए इनके बारे में।
ये 5 डिशेज भारतीय सेना (Indian Army) ने ही ईजाद की हैं..
1. भतकम पूरणपोली
मीठी डिश है। चावल को पकाने के बाद पीसते हैं, गुड़ डालते हैं और लोई बनाकर रखते हैं। गेहूं के आटे की रोटी बनाते हैं, उसमें चावल और गुड़ की लोई भरके बंद कर देते हैं। भरावन वाली लोई की रोटी बनाते हैं और इसे पराठे की तरह सेंकते हैं। गरम खाते हैं।
2. बादाम का गुट्टा
इसमें फैट नहीं होता, शरीर को भरपूर ऊर्जा मिलती है और दिमाग तेज होता है। बादाम और गुड़ मिलाकर पत्थर पर कूटते हैं, उसके बाद सेंकते हैं। सेंकने पर जब तेल निकलने लगता है, तो इसके लड्डू बना लेते हैं। इन्हें बादाम का गुट्टा कहते हैं।
3. कडबोली
आटा, उड़द की दाल, चना-चावल पीसकर उपलब्ध मसाले डालते हैं, हरी सब्जियां मिलाते हैं। मिश्रण की लोई बनाकर धूप में सुखाते हैं। यह बनने के बाद कंगन जैसा दिखता है इसलिए सनिैक इसे "कड़ा' पुकारते थे। वे इसे सब्जी के साथ खाते थे।
4. अंबिल
चावल पीसकर उबालते हैं। फिर इसमें नमक डालकर मटके में रखते हैं। कुछ घंटों बाद जब खमीर उठता है, तब खाते हैं। भारतीय सैनिक इसे अपने साथ बांधकर ले जाते थे। क्योंकि यह फर्मेंटेड होता है इसलिए खाने के बाद मामूली-सा नशा होता है।
5. सत्तू की लिट्टी
गर्म पानी में गुड़ और सत्तू का आटा मिलाते हैं। लिट्टी के लिए दरदरा पिसा आटा गूंथकर उसमें सत्तू का घोल भरते हैं और लोई बनाकर गोबर के कंडे में सेंकते हैं।
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एनर्जी बार और फूड सप्लिमेंट्स का उपयोग न करके यदि अपनी डाइट में भारतीय सैनिकों की अपनाई हुईं ये पांच पारंपरिक डिशेस शामिल कर लेते हैं, तो शरीर को बहुत फायदा पहुंचा सकते हैं। इनमें तेल न के बराबर होता है, जल्दी बन जाती हैं और तुरंत ऊर्जा देती हैं।
1. भागदौड़ – आज हम भी भारतीय सैनिकों की तरह ही हर समय भागते-दौड़ते रहते हैं और एक साथ जीवन के कई मोर्चे संभालते हैं। ऐसे में अक्सर समय बचाने के लिए प्रोटीन बार्स और सप्लिमेंट्स खा लेते हैं, जो सेहत नहीं देते। इनकी जगह यदि सत्तू की लिट्टी खा ली जाए तो शरीर को कम समय में भरपूर पोषण मिल सकता है।
2. मिठाई से दूरी – भतकम पूरणपोली जैसी डिश को अपनी डाइट में शामिल करके शरीर को सभी जरूरी पोषण दिए जा सकते हैं। जितना जरूरी है उतना फैट भी मिल जाता है। यह मीठी होने के साथ ही बेहद स्वादिष्ट भी होती है इसलिए मिठाई की जगह ले सकती है। इसे एक पौष्टिक डिज़र्ट की तरह भी खाया जा सकता है।
3. लंबी यात्रा के दौरान – सत्तू की लिट्टी या कडबोली जैसी डिशेस को लंबी यात्रा के दौरान अपने साथ रख सकते हैं। भूख लगने पर इसे बिना तरी के स्नैक्स की तरह भी खा सकते हैं।
4. दिमाग तेज करने के लिए – बादाम से बनी डिश "बादाम का गुट्टा' परीक्षा के मौसम में स्टूडेंट्स के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है। इसे खाकर दिमाग तो तेज होता ही है, भूख भी लंबे समय तक नहीं सताती।
5. अधिक शारीरिक श्रम- कडबोली या बादाम का गुट्टा या सत्तू की लिट्टी खाकर थके हुए शरीर को तुरंत ऊर्जादी जा सकती है। भारी वर्कआउट्स के बाद या जिम से लौटकर इन्हें खाने से शरीर को भरपूर पोषण मिलता है, थकान दूर होती है।
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