नीरज की दुर्घटना के बाद भी विभागों की लापरवाही रुकने के नाम नही ले रही है

विण्ढमगंज /सोनभद्र। इलाके के परिषदीय स्कूलों के बच्चे मौत के साए ( हाईटेंशन तार )के नीचे शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर  हैं लेकिन इसे हटाने के लिए ना तो शिक्षा विभाग और ना ही बिजली विभाग गंभीर है दोनों विभाग  केवल बहाना बनाकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं ।

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5 दिसंबर को विण्ढमगंज थाना के उच्च प्राथमिक विद्यालय मेदनीखाड के परिसर में हाई टेंशन के तार के चपेट में आ जाने के कारण 12 वर्षीय छात्र नीरज बुरी तरह से घायल हो गया

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पिछले 3 महीने से नीरज का इलाज बनारस के बीएचयू में चल रहा है इस घटना के बाद विद्यालयों में लगे हाईटेंशन तार व ट्रांसफार्मर को हटाने के लिए जिलाधिकारी अमित कुमार ने स्वयं निर्देश दिया था लेकिन 3 महीने बीत जाने के बावजूद मेदनी खाड उच्च प्राथमिक विद्यालय से सटे कई विद्यालय में आज भी हाईटेंशन तार और ट्रांसफार्मर लगे हुए हैं  केवल मेदनी खाड उच्च प्राथमिक विद्यालय काहे ट्रांसफार्मर विद्यालय परिसर से हटाया गया बिजली विभाग इन खतरों के प्रति कितने लापरवाह हैं इसका अंदाजा बिजली विभाग के इस बयान को देखकर लगाया जा सकता है 3 महीने बीत जाने के बावजूद भी आज तक कोई भी आदेश इन ट्रांसफॉर्मर को हटाने के लिए  अधिकारियों ने नहीं दी है वहीं शिक्षा विभाग केवल अपना काम  केवल पत्र लिखकर अपना कर्तव्य पूरा कर लिया है और बच्चे को इन खतरों के साए में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

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