*चार मूवी सहित कई सीरियलों का कर चुकी है निर्देशन
*दो दर्जन ऐड फिल्में भी बना चुकी है रनमीत
*निर्देशक कहानी में रोचकता लाये किंतु नैतिकता से परे न हो -रनमीत
निर्देशिका रनमीत कौर से खास बात चित करते पत्रकार संजय द्विवेदी
अनपरा सोनभद्र ।ऊर्जान्चल की बेटी मायानगरी में अपने राइटिंग और निर्देशन का लोहा मनवाने कोई कसर नहीं छोड़ रही है। चार हिंदी फिल्मों में अपने रचनात्मकता शब्द जाल का लोहा मनवाने वाली रनमीत कौर अनपरा की रहने वाली है। फ़िल्म रांझना से 2014 में अपने फिल्मी कैरियर का शुभारंभ करने वाली रनमीत ने तनु वेड्स मनु रिटर्न्स, हैपी भाग जाएगी जैसी फिल्मों में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर कार्य किया। लेकिन प्रसिद्धि मिली अभी हालिया रिलीज़ हिंदी मूवी एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा से। इस मूवी में रनमीत को कार्य करने के लिए कॉफ़ी स्पेस मिला। विधु चोपड़ा द्वारा निर्मित और सेल्पी चोपड़ा धर द्वारा निर्देशित रोमांटिक-कॉमेडियन मूवी एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा में
सहायक निदेशिका द्वितीय का कार्य करते हुए रनमीत कौर को काफी अनुभव हासिल हुआ। इस फिल्म में अनिल कपूर , जूही चावला , सोनम कपूर और राजकुमार राव हैं , और सहायक भूमिकाओं में अक्षय ओबेरॉय , रेजिना कैसांद्रा , बृजेन्द्र काला और मधुमालती कपूर के साथ काम करने का सुखद अनुभव रहा। निर्देशन के अलावा रनमीत एक फ़िल्म लेखिका और एडिटर का भी कार्य बखूबी कर लेती है। उन्होंने बताया कि वो अब तक बीस से अधिक एड फ़िल्म को भी कर चुकी है। बताया कि एक अच्छे मूवी में स्थान और भाषा की मौलिकता और जीवंतता होनी चाहिए। कहा कि वर्तमान में जो सीरियल टेलीविजन पर आ रहे है, उनकी पटकथा ऐसी है जिससे लोगों का स्वस्थ मनोरंजन नहीं हो रहा, बल्कि लोग इससे फ्रस्ट्रेशन के शिकार हो रहे है। रनमीत ने कहा कि आज के हाईटेक युग में बन रहे कुछ सीरियल यथार्थ से परे है ,हमें आने वाले नये जेनरेशन में भटकाव प्रतीत होता है।निर्देशकों से अपील करते हुये कहा कि अपनी टीआरपी बढ़ने के चक्कर में कहानी रोचकता लाये किंतु नैतिकता से परे न हो।अमीर खान और करीना कपूर के साथ फ़िल्म निर्देशित कर कार्य करने को अपना ड्रीम बताया। हेराफेरी जैसे फिल्मों को वो पसंद करती है। मीरा नायर और दीपा मेहता, महेश भट्ट जैसे फिल्मी लेखकों से काफी इम्प्रेस है। रनमीत कौर ने अपने अंदर छिपी उदगार के माध्यम से कहा कि
जीने का ठिकाना नहीं ,और मौत का अंदाजा नहींफिर भी सोचता हूं कुछ सपने बुनू अगर जीयेंगे तो पूरा करेंगे खुदा न खास्ता अगर मर गये तो लोग कहेंगे बड़ा ही शौक़ीन इंसान था।
इनसेट :
विक्रमजीत सिंह की बेटी ने मायानगरी में विखेर रही लेखिका का हुनर
अनपरा सोनभद्र। रनमीत कौर अनपरा निवासी विक्रमजीत सिंह की बिटिया है। अभी वो घर आई हुई है। बचपन मे यही शक्तिनगर स्थित सेंट जोसेफ में पढ़ाई करने के बाद बारहवीं तक की पढ़ाई डीपीएस दिल्ली से की। फिरहाल मायानगरी मुंबई में एक बेहतरीन फ़िल्म निर्देशिका बनने की इनकी ख्वाहिश है। गौरतलब है कि अनुराग कश्यप का भी बचपन अनपरा और ओबरा में ही बीता था, इनके पिता एसपी सिंह उत्पादन निगम में उप महा प्रबंधक थे। इस समय अनुराग पूरी फ़िल्म इंडस्ट्री में अपनी सफलता का डंका बजा रहे है, रनमीत भी इसी तरह सफलता के शिखर पर जाना चाहती है।