पाकिस्तान का दावा, भारत के पास है इंडिया का पायलट, दो वीडियो जारी कर पाक कर चुका है जिनेवा संधि का उल्लंघन

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नेशनल डेस्क, नई दिल्ली. पाकिस्तान के तीनविमानों ने कल भारत की सीमा में घुसने की कोशिश की। जवाबी कार्रवाई में भारतीय एयरफोर्स ने उनका एक F-16 विमान मार गिराया। बाकी दो विमाग भाग गए। लेकिन इस बीच भारत का मिग-21 भी क्रैश हो गया और पायलट का कुछ भी पता नहीं चला। पाकिस्तान का दावा है कि मिग-21 का पायलट उनकी कैद में है। उन्होंन विंग कमांडर अभिनंदन का वीडियो और फोटो भी जारी किया है। एक वीडियो में दिखाया गया है कि कुछ स्थानीय लोग उनसे मारपीट कर रहे हैं। दूसरे वीडियो में दिख रहा है कि उनके हाथ बधें हैं और उनके पूछताछ की जा रही है।

-इन वीडियो के सामने आने के बाद भारत ने कड़ा ऐतराज जताया और पायलट की सुरक्षित रिहाई की मांग की। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि खराब होते देख पाक ने विंग कमांडर अभिनंदन का एक और वीडियो जारी किया। इसमें वे चाय पीते नजर आए। पाक अफसरों ने उनसे यह भी सवाल किए कि क्या आपके साथ अच्छा बर्ताव किया जा रहा है? मीडिया में भारतीय पायलट से मारपीट के वीडियो लीक कर पाकिस्तान ने जिनेवा संधि का उल्लंघन कर दिया है। भास्कर ने एक्सपर्ट्स के जरिए जाना कि इस मामले में अंतरराष्ट्रीय कानून क्या कहते हैं?

जिनेवा संधि के मुताबिक, पाक ने दो उल्लंघन किए

# जिनेवा संधि के मुताबिक, दूसरे देश के सैनिकों के साथ युद्ध के समय पर ही नहीं, बल्कि शांति काल में भी अच्छा बर्ताव करने का प्रावधान है। जैसे ही जंग जैसे हालात खत्म हो जाएं, उनकी तुरंत रिहाई होनी चाहिए। यह संधि कहती है, ‘एक देश को युद्ध के दौरान हिरासत में लिए गए दुश्मन देश के सैनिक के साथ कोई भी ऐसा कृत्य नहीं करना चाहिए जिससे उसकी मौत हो सकती है या उसे नुकसान पहुंच सकता है।’ इस तरह पाक ने संधि का पहला उल्लंघन कर दिया।

# युद्धबंदी को शारीरिक उत्पीड़न देना प्रतिबंधित है। उस पर चिकित्सकीय और वैज्ञानिक प्रयोग की भी सख्त मनाही है। उसके फोटो और वीडियो भी सामने लाना प्रतिबंधित है। विंग कमांडर अभिनंदन के फोटो और वीडियो जारी कर पाकिस्तान ने संधि का दूसरा उल्लंघन कर दिया।संधि के मुताबिक, युद्धबंदियों को पूर्ण सुरक्षा देना उन्हें हिरासत में लेने वाले देश की जिम्मेदारी है। अगर इनमें से किसी भी बात का उल्लंघन होता है तो यह जिनेवा संधि का उल्लंघन माना जाता है। संबंधित देश इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकता है।इस संधि में युद्धबंदी के साथ हिरासत में कैसा व्यवहार किया जाना चाहिए और उसे क्या-क्या सुविधाएं मुहैया कराई जानी चाहिए, इन बातों का भी उल्लेख है। इनमें युद्धबंदी को न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने का मौका, जरूरत होने पर चिकित्सीय उपचार, समय पर खाना-पानी, रहने के लिए आवास और अपनी धार्मिक गतिविधियां करने की स्वतंत्रता देने जैसी सुविधाएं शामिल हैं।

युद्ध बंदी को प्रताड़ित नहीं किया जा सकता : रिटायर्ड एयर मार्शल

एयर मार्शल (सेवानिवृत) दलजीत सिंह का कहना है कि इस बारे में अंतरराष्ट्रीय नियम एकदम स्पष्ट हैं। युद्ध या युद्ध जैसे हालात में यदि कोई सैनिक अपनी वर्दी में पकड़ा जाता है तो उसके साथ किसी घुसपैठिये के समान व्यवहार नहीं किया जा सकता। दुश्मन देश उसे अपने कब्जे में ले सकता है। इसके अलावा सिर्फ उसका नाम, रैंक के अलावा परिवार से जुड़ी जानकारी ही पूछ सकता है। इसके अलावा कुछ भी पूछताछ करने का उसे अधिकार नहीं होता।

– वर्ष 1971 में भारत ने पाकिस्तान के 90 हजार से अधिक सैनिकों को युद्ध बंदी बनाया था। इन सभी बंदियों की सुरक्षा से लेकर सभी तरह की सुविधाएं भारत की तरफ से उपलब्ध कराई गई थीं। युद्ध के बाद शांति स्थापित होने पर दोनों देशों के बीच युद्ध बंदियों का आदान-प्रदान होता है। ऐसे में यदि अभी भारतीय पायलट को बंदी बनाया गया है तो उसकी रिहाई के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा।

20 साल पहले करगिल जंग के वक्त फ्लाइट लेफ्टिनेंट नचिकेता की 8 दिन में रिहाई हुई थी
करगिल जंग के वक्त जब कम्बापति नचिकेता वायुसेना में फ्लाइट लेफ्टिनेंट थे तब उनकी उम्र 26 साल थी। उनके जिम्मे बटालिक सेक्टर की सुरक्षा थी। 27 मई 1999 को वे मिग-27 फाइटर प्लेन उड़ा रहे थे जब इंजन फेल हो जाने के चलते उन्हें इजेक्ट होना पड़ा और पैराशूट के सहारे वे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में जा गिरे। पाकिस्तान के सैनिकों ने उनके साथ बुरी तरह मारपीट की। पाक सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के दखल के बाद उनके साथ बुरा बर्ताव रुका। भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान पर दबाव बनाया और आठ दिन बाद नचिकेता की रिहाई हो सकी।

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पाक ने पायलट की ये फोटो जारी की

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