हेल्थ डेस्क. ब्रिटिश कंपनी हेयरक्लोन ने सिर पर बालों को वापस उगाने के लिए एक खास प्रक्रिया की शुरुआत की है। शोधकर्ताओं के मुताबिक,हेयर फॉलिकल्स को स्टोर किया जा सकता है इसकी मदद से भविष्य में गंजेपन की समस्या होने पर इन्हें वापस सिर में रोपकर बालों को उगाया जा सकता है। ब्रिटिश कंपनी हेयरक्लोन का दावा है, यह अलग तरह का प्रयोग है जिसे भविष्य में इंश्योरेंस पॉलिसी की तरह प्रयोग किया जा सकेगा।
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नई तकनीक के तहत गंजेपन से पहले मरीज के 100 हेयर फॉलिकल्स को निकाल लिया जाता है। इसे खास तरह के कंटेनर में माइनस 150 डिग्री सेल्सियस पर स्टोर किया जाता है। जब भी मरीज को लगता है कि बालों की कमी होने से गंजापन बढ़ गया है या शुरूआत हो गई तो लैब में मौजूद हेयर फॉलिकल्स सिर में इंजेक्ट किया जाता है। अगर बालों की संख्या अधिक चाहिए तो हेयर फॉलिकल्स की कोशिकाओं को लैब में बढ़ाया जा सकता है। जो सिर का ज्यादा हिस्सा कवर कर सकती हैं।
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ब्रिटिश कंपनी हेयरक्लोन के निदेशक डॉ. बेसम फारजो का कहना है कि इलाज का लक्ष्य पतले बालों को बेहतर बनाने के साथ गिर चुके बालों की जगह इन्हें दोबारा उगाना है। कभी भी हेयर फॉलिकल की मदद से बालों को दोबारा उगाया जा सकता है। इससे पहले कई बार हेयर फॉलिकल्स की कोशिकाओं को उगाने की कोशिश की गई है लेकिन शोधकर्ता असफल रहे हैं। लेकिन स्टोरेज की नई प्रक्रिया सफल रही है।
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डॉ. बेसम फारजो का कहना है कि इस प्रक्रिया में करीब 2 लाख 37 हजार रुपए का खर्च आता है। वहीं फॉलिकल को स्टोर करने में करीब 9 हजार प्रति वर्ष का खर्च आता है। मरीज को हर 3 से 5 साल पर इसे बरकरार रखने के लिए कुछ ट्रीटमेंट कराने होते हैं।
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डॉ. बेसम फारजो का दावा है कि यह प्रक्रिया दूसरे हेयर ट्रीटमेंट से अलग है क्योंकि इसकी मदद से बालों की ग्रोथ में कई गुना बढ़ोतरी की जा सकती है। इसमें मरीज के खुद के ही बालों को दोबारा उगाया जाता है। उनका कहना है, अप्रूवल मिलते ही इस सुविधा का लाभ आम लोग उठा सकेंगे।