@भीमकुमार
दुद्धी: उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन,ग्राम्य विकास विभाग के अन्तर्गत इन्टेन्सिव ब्लॉक दुद्धि में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत गठित स्वयं सहायता समूहों में कार्यरत लेखापालों का चार दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण कुल छः जगहों पर शुरू किया गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के ब्लॉक एंकर पर्सन जय कुमार जोशी ने बताया कि ब्लॉक दुद्धि में जनवरी माह तक स्वयं सहायता समूहों में कार्यरत कुल 1106 लेखापाल है । जिसमें से कुल 913 लेखापालों को विभिन्न चरणों में प्रशिक्षण दिया जा चुका है । शेष बचे 193 लेखापापालों का प्रशिक्षण छः विभिन्न बैचों में करवाकर प्रशिक्षण का कार्य पूर्ण कर लिये जाने की दिशा में कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण मंगलवार से शुक्रवार तक चलेगा। प्रत्येक बैच में 30 से 40 प्रतिभागी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इस चार दिनों में प्रशिक्षण के दौरान महिला लेखापापालों को स्वयं सहायता समूह की अवधारणा एवं प्रबन्धन के साथ साथ लेखांकन की बारीकियों को प्रमुखता से सिखाया जा रहा है। उन्होने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन केन्द्र सरकार की बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना है। ब्लॉक दुद्धि में जनवरी माह तक कुल 1146 महिला स्वयं सहायता समूह गठित है ,जिसमें कुल 13342 परिवार सीधे तौर पर जुड़कर लाभ उठा रहे हैं।
बीएपी जय कुमार जोशी ने खजुरी एवं पतरिहा में चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम का निरीक्षण कर प्रशिक्षणार्थियों का हौशलावर्धन भी किये। कड़ोरपति प्रेरणा महिला ग्रामसंगठन पतरिहा के प्रशिक्षण हॉल में प्रशिक्षण के उन्होंने बताया कि समूह का लेखापापाल स्वयं सहायता समूह की रीढ़ है। जितने मजबूत लेखापापाल होंगे उतने ही मजबूती से समूह को चला पाएगा। जिसप्रकार किसी व्यक्ति की रीढ़ कमजोर हो तो व्यक्ति अपने आपको उतने ही कमजोर महशुस करते हैं ठीक उसी तरह से समूह के लेखापापाल कमजोर होने से समूह के सदस्यों को पर्याप्त जानकारी नहीं मिल पाता है और धीरे धीरे समूह कमजोर हो जाता है। इसीलिए इन्हें समूह के प्रबंधन के बारे में बताया जा रहा है । पंचसूत्रा समूह का दिल है जिस समूह में पंचसूत्रा का पालन हो रहा है वह समूह मजबूत होता है । जिस समूह में पंचसूत्रा का पालन नहीं होता है वह समूह कमजोर पड़ जाता है। समूह के सदस्यों का विकास रुक जाता है। अतः प्रशिक्षण देकर इन्हें मजबूती प्रदान करने की कोशिश की जा रही है।
प्रशिक्षण को सुव्यवस्थित रूप से चलाने के लिए प्रत्येक क्लस्टर में दो व्यक्तियों को नोडल इंचार्ज बनाया गया है जो प्रशिक्षक टीम से सामंजस्य स्थापित कर कार्यक्रम को गुणवत्ता पूर्ण सम्पन्न करने में सहयोग कर रहे हैं। सभी प्रशिक्षणार्थियों को क्लस्टर स्तर पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसमें एक प्रशिक्षण केन्द्र पर आस पास के कई गांवों के प्रतिभागियों के द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है। आज से शुरू हुए प्रशिक्षण केन्द्र एवं प्रशिक्षकों का विवरण इस प्रकार है-
बघाडू क्लस्टर जिनके इंचार्ज जितेन्द्र कुमार एवं मृत्युंजय कुमार जी हैं के निर्देशन में दो केन्द्र क्रमशः पतरिहा में प्रशिक्षक के रूप में संगीता देवी एवं समिना खातून तथा खजुरी में प्रशिक्षक के रूप में सोनी देवी हैं। बिडर क्लस्टर के इंचार्ज अजय शंकर झा एवं पूनम कुमारी हैं के निर्देशन में दो केन्द्र क्रमशः कटौन्धी में प्रशिक्षक के रूप में सुनीता देवी एवं पुष्पा देवी, तथा महुअरिया में प्रशिक्षक के रूप में मिना देवी एवं शकुन्तला हैं। केवाल क्लस्टर के इंचार्ज सीताराम कुमार एवं मिथिलेश कुमार हैं के निर्देशन में दो केन्द्र क्रमशः छत्तरपुर में प्रशिक्षक के रूप में पूनम देवी एवं फूलमति तथा धरतिडोलवा में प्रशिक्षक के रूप में रेशमा खातून एवं तारा देवी हैं।