नेशनल डेस्क. पुलवामा हमले ने अमेरिका ने भारत के खड़े रहने की बात कही है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जॉन बोल्टन ने शुक्रवार को अपने भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल से पुलवामा हमले के संबंध में फोन पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत के पास अपनी आत्मरक्षा का अधिकार है और इसमें अमेरिका उसका समर्थन करता है। बोल्टन ने बताया कि उन्होंने शुक्रवार को दो बार डोभाल से पुलवामा हमले पर बात की। बोल्टन ने कहा कि सीआरपीएफ पर हमला करने वाले और उनके समर्थकों को सजा दिलाने तक वे भारत के साथ हैं।
मसूद अजहर पर भी हुई बात
दोनों अधिकारियों ने संकल्प लिया कि वे संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के तहत पाक पर जिम्मेदारी निभाने का दबाव बनाएंगे। बोल्टन ने कहा, हम पहले ही पाकिस्तान को आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाह बनने पर चेतावनी दे चुके हैं। आगे की चर्चाओं में भी हम पाकिस्तानियों को साफ संदेश देंगे। इसके साथ ही मसूद अजहर को भी वैश्विक आतंकी घोषित कराने के लिए हम भारत के साथ काम करेंगे।
व्हाइट हाउस भी कर चुका है समर्थन की बात
दूसरी तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति भवन की तरफ से पाकिस्तान को नाम लेकर चेतावनी दी गई है। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता सारा सैंडर्स ने गुरुवार को प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा था कि पाक अपनी जमीन से चलने वाले आतंकी संगठनों को समर्थन देना तत्काल बंद करे। यह सिर्फ क्षेत्र में हिंसा और आतंक को बढ़ावा देते हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने भी कहा- हम भारत के साथ
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भी पाकिस्तान का नाम लेते हुए कहा था कि सभी देशों को आतंक के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के तहत अपनी जिम्मेदारियां समझनी होंगी और आतंकियों की पनाहगाह बनना बंद करना होगा। हम आतंकवाद से मुकाबले के लिए हर स्थिति में भारत के साथ खड़े हैं। संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी संगठन घोषित किए जा चुके पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद ने इस जघन्य हमले को अंजाम दिया। पीड़ित परिवारों के साथ हमारी संवेदनाएं हैं।
पाकिस्तान ने आरोपों से इनकार किया
पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमलों में किसी भी तरह के हाथ की बात से इनकार किया है। पाक सरकार ने प्रेस रिलीज जारी कर इसे गंभीर चिंता का विषय बताया।
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