पुलवामा हमले पर राजनेताओं ने साधा पीएम मोदी पर निशाना, याद दिलाई पुरानी बात

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कोलकाता. पुलवामा हमले को दो दिन बीत चुके हैं। एक तरफ शहीद सैनिकों के पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव भेजे जा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ सत्ता के गलियारों में राजनैतिक हलचल भी तेज हो गई है। अप्रत्यक्ष तौर पर ही सही मगर विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरना शुरू कर दिया है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राकांपा के नेता शरद पवार ने कुछ सवाल खड़े किए हैं।

बनर्जी ने की मांग
ममता बनर्जी ने सरकार से सवाल करते हुए कहा है कि,“क्या केवल राजनेताओं की मौत पर ही शोक मनाया जाएगा। मैं 72 घंटों के शोक की मांग करती हूं। मैं यह देखकर दुखी हूं कि प्रधानमंत्री ने ऐसी गंभीर घटना के बाद भी एक प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। ऐसी स्थिति में हमें सरकारी कार्यक्रमों को टालना चाहिए। आखिर केंद्र की ओर से तीन दिन का शोक क्यों नहीं घोषित किया गया?”

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पर उठाए सवाल
उन्होंने कहा, “हम इस घटना के साथ किसी भी तरह की राजनीति नहीं करना चाहते हैं। यही कारण है कि हमने कुछ नहीं कहा। न सिर्फ हम बल्कि विपक्ष की किसी पार्टी के नेता ने इस मामले पर कुछ नहीं कहा। हम सभी ने कहा कि हम देशवासियों के साथ हैं। हमें यह जानने का अधिकार है कि वास्तव में हुआ क्या है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार क्या कर रहे थे? हमले के पहले हमें किसी तरह की कोई जानकारी क्यों नहीं मिली? आखिर इतने जवान क्यों मारे गए? यह सवाल लोगों के हैं, केवल मेरे नहीं।”

पवार बोले, ऐसी बात करते थे पीएम मोदी
राकांपा के वरिष्ठ नेता शरद पवार ने पीटीआई से कहा है कि, “मुझे याद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता में आने से पहले चुनावी रैलियों में कहा करते थे कि डॉ मनमोहन सिंह सरकार आतंकी हमलों के बाद भी पाकिस्तान को सबक सिखाने में नाकामयाब रही है। मोदी कहा करते थे कि मनमोहन सिंह सरकार में वो योग्यता ही नहीं है जो पाकिस्तान को सबक सीखा सके। यह काम तो कोई 56 इंच के सीने वाला शासक ही कर सकता है। मगर अब तो सभी ने देखा है कि क्या हो गया है। लेकिन मैं आज वही मांग नहीं करूंगा, जो मोदी ने उस वक्त की थी।”

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Indian political leaders have raised questions on Pulwama attack

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