मुंबई. अमेरिकी आईटी कंपनी कॉगनिजेंट भारत में रिश्वत देने के एक मामले में अमेरिकी सरकार को 177.5 करोड़ रुपए (2.5 करोड़ डॉलर) की रकम चुकाएगी। इसमें 134.9 करोड़ रुपए डिस्गॉर्जमेंट और ब्याज के जबकि 42.6 करोड़ रुपए जुर्माने के शामिल हैं। इस मामले में अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने शुक्रवार को कॉगनिजेंट के 2 पूर्व अधिकारियों के खिलाफ आरोप तय किए।
कॉगनिजेंट के पूर्व प्रेसिडेंट गॉर्जन कोबर्न और पूर्व चीफ लीगल ऑफिसर स्टीवन शैवार्ट्ज पर अमेरिका के फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेज एक्ट (एफसीपीए) के उल्लंघन के आरोप हैं। लेकिन, मुकदमे से बचने के लिए सेटलमेंट के तहत कॉगनिजेंट अमेरिकी सरकार को रकम का भुगतान करने को तैयार है।
आरोपों के मुताबिक दोनों अफसरों ने 2014 में तमिलनाडु के सरकारीअधिकारी को करीब 14.2 करोड़ रुपए (20 लाख डॉलर) की रिश्वत दी थी। चेन्नई में नया ऑफिस बनाने की मंजूरी हासिल करने के लिए यह रकम दी गई थी।
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