नई दिल्ली. अगर बिना ऑफिस गए, घर बैठे ही काम करने का विकल्प मिले तो भारत में आधे लोग नौकरी बदल लेंगे। एक सर्वे में 48% लोग इसके लिए तैयार दिखे। जिन कंपनियों में घर से काम करने (रिमोट वर्किंग) की सुविधा नहीं है, वहां के 73% कर्मचारी चाहते हैं कि यह विकल्प मिले। 53% तो इसके लिए कम सैलरी लेने को भी तैयार हैं।
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सर्वे में शामिल 42% लोगों ने कहा कि उन्होंने ऐसी नौकरी की तलाश शुरू कर दी है। जॉब फर्म इनडीड के लिए यूके की कंसल्टेंसी सेंससवाइड ने यह सर्वे किया है। इसके लिए 501 कंपनियों के 1,001 कर्मचारियों से बात की गई।
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जिन सेक्टर की कंपनियों से बात हुई उनमें एचआर, आईटी, टेलीकॉम, फाइनेंस, सेल्स, मीडिया एवं मार्केटिंग, रिटेल, कैटरिंग, हेल्थकेयर, यूटिलिटीज, ट्रैवल-ट्रांसपोर्ट आदि शामिल हैं।
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कंपनियां भी बेहतर टैलेंट वालों को अपने यहां रखने के लिए रिमोट वर्क पॉलिसी अपना रही हैं। सर्वे में शामिल 99% कंपनियों ने बताया कि रिमोट वर्किंग को आसान बनाने के लिए उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, लैपटॉप, स्मार्टफोन जैसी चीजों पर निवेश किया है।
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47% कंपनियों ने कहा कि टेक्नोलॉजी में निवेश बड़ी बाधा है, फिर भी 83% कंपनियां मानती हैं कि रिमोट वर्किंग से कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी बढ़ती है।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर बेहतर तरीके से लागू किया जाए तो रिमोट वर्किंग प्रतिभाशाली लोगों को आकर्षित करने का जरिया बन सकता है। सर्वे में कहा गया है कि लोग परिवार के लिए पर्याप्त समय नहीं निकाल पा रहे हैं। रिमोट वर्किंग से इस समस्या का हल हो सकेगा।
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कर्मचारियों ने घर से काम करने के 3 फायदे बताए
- लोगों का कहना है कि घर से काम करने पर ऑफिस और घर में बेहतर संतुलन बना सकते हैं।
- इससे तनाव कम होता है हौसला बढ़ता है। रिमोट वर्किंग पसंद करने वालों में युवाओं की संख्या ज्यादा है।
- 56% कर्मचारियों ने कहा कि काम में लचीलापन होने पर वे पहले से बेहतर नतीजे दे सकते हैं।
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