जयपुर में पूछताछ से पहले वाड्रा का सरकार पर हमला, कहा- चुनावी नौटंकी को समझता है देश

ईडी के सामने पेश होने के लिए रॉबर्ट वाड्रा कल दोपहर ही अपनी मां साथ जयपुर पहुंच चुके हैं. बताया जा रहा है कि जयपुर के ईडी दफ्तर में रॉबर्ट वाड्रा की मां मॉरीन की भी पेशी हो सकती है. वाड्रा से पूछताछ के पहले कल शाम प्रियंका गांधी भी जयपुर पहुंच चुकी हैं

नई दिल्ली:

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा की परेशानी कम नहीं हो रही है. इस महीने चौथी बार रॉबर्ट वाड्रा आज ईडी के सामने पेश होंगे. इस बार प्रवर्तन निदेशालय वाड्रा से बीकानेर में हुए कथित जमीन घोटाले को लेकर पूछताछ करेगा. ईडी के सामने पेश होने के लिए रॉबर्ट वाड्रा कल दोपहर ही अपनी मां साथ जयपुर पहुंच चुके हैं. बताया जा रहा है कि जयपुर के ईडी दफ्तर में रॉबर्ट वाड्रा की मां मॉरीन की भी पेशी हो सकती है. वाड्रा से पूछताछ के पहले कल शाम प्रियंका गांधी भी जयपुर पहुंच चुकी हैं।

ईडी ने जमीन सौदे के सिलसिले में 2015 में मामला दर्ज किया था. माना जा रहा है कि ईडी वाड्रा से जुड़ी कंपनी मेसर्स स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के कामकाज के बारे में पूछताछ करना चाहती है. इसी कंपनी ने बीकानेर में जमीन खरीदी थी. इससे पहले ईडी ने वाड्रा से लंदन में कथित संपत्ति को लेकर तीन अलग-अलग दिन करीब 24 घंटे पूछताछ की थी।

वाड्रा बोले- जानबूझ कर फंसाया जा रहा है

जयपुर में ईडी के सामने पेशी से पहले रॉबर्ट वाड्रा ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में सरकार पर जानबूझ कर फंसाने के आरोप लगाए हैं.

रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, ”मैं जयपुर में प्रवर्तन निदेशालय के सामने अपना पक्ष रखने के लिए अपनी 75 साल उम्र की मां के साथ हूं. हमें इस प्रतिशोधी सरकार का रवैया समझ नहीं रहा है जो एक वरिष्ठ नागरिक को परेशान कर रही है. मेरी मां ने अपनी बेटी को कार दुर्घटना में खोया है. बेटे को लंबे मधुमेह के बाद खोया, उन्होंने अपने पति को भी खोया है. तीन हादसों के बाद मैंने उनसे मेरे ऑफिस में समय बिताने के लिए कहा, जिससे मैं उनकी देखभाल कर सकूं. मेरे ऑफिस में रहने के लिए के लिए उन्हें बदनाम किया जा रहा है, पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है, उनकी छवि खराब की जा रही है.”

वाड्रा ने कहा, ”दिल्ली में मुझसे ईडी मुख्यालय में तीन दिन तक पूछताछ हो चुकी है. अगर सरकार को कुछ गैरकानूनी लगा तो मुझे पूछताछ के लिए बुलाने के लिए चार साल आठ महीने क्यों लगे. वो भी चुनाव से ठीक एक महीने पहले. क्या उन्हें लगता है कि भारत में लोग इसे चुनावी नौटंकी के रूप में नहीं देखते हैं.”

वाड्रा ने कहा, ”मैंने हमेशा नियम का पालन किया है, मैं हर सवाल का जवाब सम्मान के साथ गरिमा के साथ दूंगा. यह समय भी बीत जाएगा और मुझे मजबूत बना देगा, जैसा बोओगे वैसा काटोगे.”

बीकानेर के जमीन विवाद में कैसे फंसे वाड्रा?

सरकारी जमीन फर्जी तरीके से जोराराम के नाम पर रिकॉर्ड में दर्ज किया गया. जोराराम की फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी रणजीत सिंह के नाम हुई. रणजीत सिंह ने जमीन सतीश गोयल को रजिस्ट्री के जरिए बेची. सतीश गोयल ने जमीन वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट को बेची।

स्काईलाइट ने जमीन एलीजिनी फिनलीज प्राइवेट लिमिटेड को बेची. 69 हेक्टेयर जमीन जांच के बाद वापस सरकार के पास चली गई. वाड्रा की कंपनी ने जमीन 79 लाख में खरीदकर 5.50 करोड़ में बेची. अब तक इस मामले में 6 से ज्यादा लोग गिरफ्तार हो चुके हैं.

कैसे हुआ बीकानेर का जमीन घोटाला?

बीकानेर के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में जमीन सरकार ने ली. बदले में मालिकों को दूसरी जमीन अलॉट, 2008 में फर्जीवाड़ा शुरू हुआ. फर्जी दस्तावेजों से काल्पनिक आदमी के नाम जमीन दर्ज कराई गई. 2014 में जमीन वापस सरकार के जाने पर फर्जीवाड़ा खत्म हो गया. राजस्थान पुलिस ने राबर्ट वाड्रा की कंपनी को आरोपी नहीं बनाया है, अभी उन लोगों की गिरफ्तारी हुई है जिन्होंने फर्जी दस्तावेज बनाए थे.

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