मैनचेस्टर. इंग्लैंड के फुटबॉल क्लब मैनचेस्टर यूनाइटेड ने मौजूदा सीजन में शानदार कमबैक किया है। दो महीने पहले टीम इंग्लिश प्रीमियर लीग में रेलिगेशन की कगार पर पहुंच गई थी। ओले गनर सोल्सकेयर के दिसंबर में कोच बनने के बाद से मैनचेस्टर यूनाइटेड ने 11 में से एक भी मैच नहीं हारा है। यह क्लब के 117 साल के इतिहास में मैनेजर का रिकॉर्ड है। 45 साल के ओले गनर की कोचिंग में टीम सीजन में पहली बार टॉप-4 में भी पहुंची।
मैनचेस्टर यूनाइटेड को 11 में से 10 मैच जिताने वाले कोच ओले गनर की ऑन फील्ड और ऑफ फील्ड स्ट्रेटजी
इंग्लैंड के फुटबॉल क्लब मैनचेस्टर यूनाइटेड को बुधवार को फ्रांस के टॉप क्लब पेरिस सेंट जर्मेन से भिड़ना है। दोनों टीमें यूरोप की सबसे बड़ी लीग चैम्पियंस लीग के प्री क्वार्टर फाइनल में आमने-सामने होंगी। ओले गनर सोल्सकेयर को अपनी विनिंग स्ट्रेटजी पर पूरा भरोसा है। इसी स्ट्रेटजी से उन्होंने मैनचेस्टर यूनाइटेड को मौजूदा सीजन में लगातार हार के गर्त से बाहर निकाला।
ईपीएल के इस सीजन में पहली बार टॉप-4 में पहुंची
उनके कोच बनने से पहले यूनाइटेड की टीम ने 17 में से सिर्फ 7 मैच जीते, लेकिन 19 दिसंबर को ओले गनर के कोच बनने के बाद मैनचेस्टर यूनाइटेड 11 में से एक भी मैच नहीं हारा। टीम इस सीजन में पहली बार इंग्लिश प्रीमियर लीग (ईपीएल) में टॉप-4 में पहुंच गई। उनकी मैदान के बाहर की स्ट्रेटजी अलग है और अंदर की अलग।
बिना रिस्क जीत नहीं
ओले गनर टीम के रोटेशन को जीत का फॉर्मूला मानते हैं। वे कहते हैं, स्क्वॉड रोटेशन रिस्की तो होता है, लेकिन बिना रिस्क लिए जीत नहीं मिलती। उन्होंने अपनी टीम को भी मीडिया से दूर रखा है। वे हफ्ते में सिर्फ एक दिन मीडिया से मिलते हैं। ओले गनर नॉर्वे से हैं। खिलाड़ियों और स्टाफ से पर्सनल रिलेशन बनाने के लिए वे नॉर्वे से सभी के लिए खुद चॉकलेट लाते हैं।
ऑन फील्ड स्ट्रेटजी : खिलाड़ियों का रोटेशन है विनिंग फॉर्मूला
आमतौर पर जीतने वाली टीम का मैनेजर कभी प्लेइंग इलेवन में ज्यादा फेरबदल नहीं करता। हालांकि, ओले गनर हर मैच में अलग प्लेइंग को अपनी ताकत मानते हैं। उन्होंने शनिवार को फुल्हम के खिलाफ मैच में 6 बदलाव किए थे। तब टीम 3-0 से जीती थी। वे कहते हैं, इससे बड़े खिलाड़ी थकते नहीं हैं। छोटी टीम के खिलाफ हमें अपनी बेंच स्ट्रेंथ परखने का मौका भी मिल जाता है।
यूनाइटेड की तरह खेलो
ओले गनर 14 साल तक मैनचेस्टर यूनाइटेड की ओर से खेल भी चुके हैं। उन्होंने क्लब के कोच बनने के अगले ही दिन टीम से कहा, आप मैनचेस्टर यूनाइटेड हो, उसी की तरह खेलो। यूनाइटेड को तेज पास और अटैकिंग खेल के लिए जाना जाता है। उन्होंने लगातार और गेंद को तेज पास करने की रणनीति फिर से शुरू की। खिलाड़ियों को इस खेल की आदत थी। इससे टीम जीतने लगी।
खिलाड़ियों पर भरोसा जताया
टीम के पूर्व मॉरिन्हो को खिलाड़ियों पर भरोसा नहीं था। उन्होंने पोग्बा जैसे अनुभवी और मार्क्स रेशफोर्ड जैसे युवा खिलाड़ियों को मौके नहीं दिए, लेकिन ओले गनर ने इन पर भरोसा जताया। नतीजा यह रहा कि पोग्बा ने पिछले 10 मैचों में 8 गोल और 5 असिस्ट किए। रेशफोर्ड ने 8 मैचों में से 6 गोल किए। दोनों खिलाड़ी इसे अपना पुनर्जन्म मानते हैं।
खिलाड़ियों का सही इस्तेमाल
मॉरिन्हो को हमेशा मैनेजमेंट से शिकायत रही। वे कहते थे कि जिन खिलाड़ियों को वे टीम में चाहते हैं, वे उन्हें मिल नहीं रहे। हालांकि, ओले गनर ने टीम में मौजूद खिलाड़ियों का सही इस्तेमाल किया। टीम के अनुभवी सेंटर बेक विक्टर लिंडेलोफ 2017 में यूनाइटेड से जुड़े। हालांकि, उन्हें जून 2017 से नवंबर 2018 यानी 17 महीने में सिर्फ 28 मैचों में मौका मिला। जबकि पिछले डेढ़ महीने में उन्होंने 10 मैच खेल लिए। उनकी मौजूदगी में टीम ने हर मैच में औसतन 0.6 गोल खाए। जबकि इससे पहले यूनाइटेड के खिलाफ गोल होने का औसत हर मैच में 1.5 था।
ऑफ फील्ड स्ट्रेटजी : टीम से पर्सनल रिलेशन
ओले गनर को 19 दिसंबर को जोस मॉरिन्हो को हटाकर अंतरिम मैनेजर बनाया गया। उन्होंने 20 दिसंबर को ही टीम का रीसेट बटन दबा दिया। यानी अगले ही दिन से अपने हिसाब से काम करना शुरू कर दिया। उनके खिलाड़ियों और स्टाफ के साथ पर्सनल रिलेशन हैं। वे जब भी नॉर्वे जाते हैं, तो वहां से सभी के लिए चॉकलेट और गिफ्ट लाते हैं। वे यूनाइटेड की स्टाफ पार्टी में भी शामिल होते हैं।
मीडिया से शुक्रवार सुबह 8.30 बजे बात करते हैं
एलेक्स फर्ग्युसन के बाद हर मैनेजर ने यूनाइटेड से जुड़ने के बाद कुछ न कुछ जरूरी बदलाव किए। डेविड मोयेस ने मैन्यू से चिप्स हटवा दिए। लुईस वान गाल ने फ्लड लाइट लगवाईं। ओले गनर ने मीडिया से बात करने का समय निर्धारित किया। वे हफ्ते में सिर्फ एक दिन शुक्रवार सुबह 8.30 बजे मीडिया से बात करते हैं। इसमें भी वे टीम के प्रदर्शन और तैयारी पर ज्यादा बात करते हैं। विवाद पर कम।
क्लब के हर सदस्य से खुद मिलते हैं
ओले गनर क्लब के हर सदस्य से खुद मिलते हैं। चाहे वह महिला टीम से जुड़ा हो या फिर ऑफिस वर्क से जुड़ा हुआ। कभी-कभी वे क्लब की जूनियर टीम के खिलाड़ियों से भी मिलते हैं। ताकि सभी क्लब से जुड़ाव महसूस करें। एक बार जूनियर टीम के कुछ खिलाड़ी उन्हें पहचान नहीं पाए थे। फिर भी ओले गनर ने उन्हें फुटबॉल के टिप्स दिए थे।
पब्लिक में खिलाड़ियों की आलोचना कभी नहीं
यूनाइटेड के पूर्व कोच जोस मॉरिन्हो ने कई मौकों पर टीम के खिलाड़ियों की आलोचना की। उनकी वजह से पॉल पोग्बा जैसे कई बड़े खिलाड़ी क्लब छोड़ने वाले थे। ओले गनर कभी-भी खिलाड़ियों की आलोचना पब्लिक में नहीं करते। वे कहते हैं कि अंदर की बात बाहर नहीं आनी चाहिए। इससे खिलाड़ियों का मनोबल गिरता है।
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