नई दिल्ली. अमेरिका से इलाज कराकर लौटे वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कांग्रेस पर भारतीयसंस्थानों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह सही समय है कि देश को विनाश करने वालों से बचाना होगा। जेटली ने कांग्रेस को राफेल, संसद, न्यायतंत्र, आरबीआई, सीबीआई, सेना और चुनाव आयोग समेत तमाम मुद्दों पर भी घेरा। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर संसद की कार्यवाही में सबसे ज्यादा बाधा डालने का आरोप लगाया।
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जेटली ने आरोप लगाया, “कांग्रेस ने फर्जी अभियान शुरू कर रखा है, जैसे कि जज लोया, राफेल, मप्र में फर्जी वोटर लिस्ट और व्यापम घोटाले में। हमने जज लोया मामले में कोर्ट के फैसले के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान देखा। इसके बाद इसी तरह राफेल मामले पर एक याचिकाकर्ता ने कहा कि कोर्ट ने राफेल पर यह फैसला देकर अपनी विश्वसनीयता को कम कर दिया।”
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‘संस्थाओं पर आक्रमण’ फेसबुक ब्लॉग में जेटली ने लिखा, “छत्तीसगढ़ चुनाव में कांग्रेस माओवादियों के साथ खड़ी थी। राहुल गांधी जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े थे। कोर्ट में कांग्रेस शहरी नक्सलियों के बचाव में दिखती है। इसक बाबजूद कांग्रेस यह दावा करती है कि वह भारत के विचार और संस्थानों की समर्थक है।”
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जेटली ने लिखा- वे (विपक्ष) ज्यादातर वक्त भारत सरकार की आलोचना करते हैं और कहते हैं कि देश खतरे में है। लोकतंत्र के लिए घड़ियाली आंसू बहाते हैं लेकिन दूसरी ओर विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को वंशवादी बनाने का हर संभव प्रयास करते हैं।
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वित्त मंत्री ने कहा, “लेफ्ट शासित केरल और तृणमूल शासित प. बंगाल में भाजपा-संघ के कार्यकर्ताओं की हत्या की जाती है। बंगाल में लोकतंत्र पर गंभीर खतरा है। यहां भाजपा नेताओं को उतरने की इजाजत नहीं दी जाती, उनकी जनसभाओं और रथयात्रा पर रोक लगाई जाती है।”
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उन्होंने लिखा, “कई मुद्दों पर कांग्रेस का पक्ष आत्म विरोधाभासी नजर आता है। केरल में कैमरे के सामने गाय को काटते हैं। वहीं मध्यप्रदेश में वे गोहत्या करने वालों पर रासुका लगाते हैं। ये कथित संस्थान संरक्षक देश में आने वाले घुसपैठियों का समर्थन करते हैं। वे तुरंत ही देश को तोड़ने वालीं शक्तियों के साथ खड़े हो जाते हैं।”
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जेटली ने लिखा, ”संसद में पं. जवाहर लाल नेहरू के पोते सबसे ज्यादा एक संस्थान के तौर पर संसद को नुकसान पहुंचाते हैं। एक समय सबसे सार्थक चर्चा के लिए जानी जाने वाली राज्यसभा को कांग्रेस के रवैये ने एक गैर-कार्यात्मक बना दिया है।”
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वित्त मंत्री ने कहा, ”अगर हम राहुल के दो भाषणों का विश्लेषण करें, तो पता चलता है कि ये केवल प्रधानमंत्री से निजी दुश्मनी निकालने जैसा है। एक असफल छात्र हमेशा टॉपर से नफरत करता है।”