मोदी के दौर में खाड़ी जाने वाली महिलाएं 80% घटीं

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नई दिल्ली (मुकेश कौशिक).भारतीय कामगारों के विदेश जाने के मामले में मोदी सरकार के कार्यकाल में कुछ चौंकाने वाले बदलाव आए हैं। सबसे हैरानी की बात यह है कि खाड़ी देशों की ओर महिलाओं का जाना 80% कम हो गया। गल्फ जाने वाली महिलाओं की संख्या मनमोहन सिंह सरकार के समय तक 21 हजार प्रतिवर्ष से अधिक थी।

मोदी सरकार ने महिलाओं की ट्रैफिकिंग रोकने के लिए कई सख्त नियम बनाए। इससे 2017 में महज 3883 महिलाएं काम करने के लिए खाड़ी जा पाईं। सरकार ने 30 साल से कम उम्र की महिलाओं के इमिग्रेशन पर रोक लगा दी है। हालांकि नर्सों के मामले में यह आयु सीमा नहीं रखी गई है। सीधे नियुक्ति देने के लिए प्रत्येक महिला वर्कर की भर्ती पर 2500 डॉलर की बैंक गारंटी देना अनिवार्य कर दिया गया है।यही नहीं भारतीय दूतावास से प्रमाण लेने की शर्त भी जोड़ दी गई।

अगस्त, 2016 के बाद से ईसीआर पासपोर्ट वाली महिला वर्करों के लिए अनिवार्य कर दिया गया कि वे सिर्फ छह सरकारी एजेंसियों के मार्फत ही विदेश जा पाएंगी। इन बंदिशों पर संसद की विदेश मंत्रालय से जुड़ी संसदीय समिति का ध्यान भी गया है।समिति ने कहा है कि सख्त कदमों की वजह से मर्दों के मुकाबले महिला वर्करों के लिए अवसर कम हुए हैं। हो सकता है कि महिला वर्कर गैर कानूनी चैनलों का इस्तेमाल करते हुए देश से बाहर नौकरी करने जाने लगी हों।

5 साल में खाड़ी देशों में जाने वाली महिलाएं

2013 21521
2014 14962
2015 1783
2016 6076
2017 3883

स्रोत: विदेश मंत्रालय

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Decrease in number of women going to Gulf countries

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