कोलकाता. पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ से एक दिन पहलेकोलकाता पुलिस ने शुक्रवार को बेहिसाब संपत्ति के मामले में सीबीआई के पूर्व अंतरिम चीफ नागेश्वर राव के ठिकानों पर छापे मारे। पुलिस ने जिन दो जगहों पर छापे मारे, उनमें से एक कोलकाता में है और दूसरीसाल्ट लेक स्थित एंजेला मर्केंटाइल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का दफ्तर है। यह कंपनी राव की पत्नी की बताई जा रही है। हालांकि, राव ने कहा कि ये कार्रवाईप्रोपेगेंडा के तहतकी गई। कंपनी से मेरा कोई संंबंध नहीं है।यहपरिवारिक मित्र की है।
बेहिसाब संपत्ति जुटाने का कोई सवाल ही नहीं उठता: राव
राव ने सफाई में एक पत्र जारी किया। इसमें उन्होंने लिखा, ”2010 में मेरी पत्नी मन्नेम संध्या ने मेसर्स एंजेलामर्केंटाइल प्राइवेट लिमिटेड से 25 लाख रुपए का लोन लिया था। इस रकम से आंध्र प्रदेश के गुंटूर में एक ज्वाइंट प्रॉपर्टी खरीदी। 2011 में मेरी पत्नी ने 11 से 17 एकड़ की पैतृक कृषि भूमि 58.62 लाख रुपए में बेची। यह रकम और बचत के 1.38 लाख रुपए मिलाकर करीब 60 लाख रुपए मेसर्स एंजेला मर्केंटाइल प्राइवेट लिमिटेड को ट्रांसफर किए गए। जुलाई 2014 में कंपनी ने इस पैसे के ब्याज को भी जोड़ा और उसमें से लोन अमाउंट घटाकर 41.33 लाख रुपए की रकम मेरी पत्नी को लौटा दी। इस लेनदेन से जुड़ी सारी जानकारी संबंधित एजेंसियों को दी गई थी। लिहाजा, बेहिसाब संपत्ति जुटाने का कोई सवाल ही नहीं उठता।”
शिलॉन्ग पहुंचे कोलकाता पुलिस कमिश्नर
राजीव कुमारशुक्रवार कोशिलॉन्ग पहुंच गए।सीबीआई शारदा चिटफंड घोटाले में शनिवार को उनसे पूछताछ करेगी। दरअसल,रविवार को शारदा घोटाले में पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की भूमिका की जांच के लिए सीबीआई की टीम उनके घर पहुंची थी। लेकिन, टीम को अंदर नहीं जाने दिया गया। सीबीआई अफसरों को पुलिस जबरन थाने भी ले गई। इस दौरान ममता ने सीबीआई की कार्रवाई के विरोध में धरना शुरू कर दिया था।
इस मामले में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।इस परसुप्रीम कोर्ट ने राजीव कुमार को सीबीआई के सामने पेश होने और ईमानदारी से जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया था। हालांकि, कोर्ट ने साफ कर दिया था कि कुमार को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।
घोटाले की जांच के लिए बनी एसआईटी के प्रमुख थे कुमार
शारदा घोटाले की जांच के लिए 2013 में एसआईटी बनाई गई थी। इसका नेतृत्व 1989 बैच के आईपीएस राजीव कुमार कर रहे थे। 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को दिया था। इसके बाद राजीव कुमार को जनवरी 2016 में कोलकाता पुलिस का मुखिया बनाया गया था।
2460 करोड़ का शारदा चिटफंड घोटाला
शारदा ग्रुप से जुड़े पश्चिम बंगाल के कथित चिटफंड घोटाले के 2,460 करोड़ रुपए तक का होने का अनुमान है। पश्चिम बंगाल पुलिस और ईडी की जांच रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि 80 पर्सेंट जमाकर्ताओं के पैसे का भुगतान किया जाना बाकी है। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, शारदा ग्रुप की चार कंपनियों का इस्तेमाल तीन स्कीमों के जरिए पैसा इधर-उधर करने में किया गया। ये तीन स्कीम थीं- फिक्स्ड डिपॉजिट, रिकरिंग डिपॉजिट और मंथली इनकम डिपॉजिट।
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