संसद की तर्ज पर पहली बार बिहार में बना सेंट्रल हॉल, 362 लोगों के बैठने की व्यवस्था

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पटना. संसद की तर्ज पर देश में पहली बार बिहार विधानमंडल के भवन में सेंट्रल हॉल का निर्माण कराया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को इसका उद्घाटन किया। इस हॉल में 362 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। इसमेंतीन फ्लोर और 120 कमरे हैं।

इसेबनाने का काम2010 से शुरू हुआ था। इसमें विधानसभा के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, विधान परिषद के सभापति, उपसभापति, मुख्यमंत्री और मंत्रियों का चैंबर बनाया गया है। सभी कमेटियों के लिए अलग से कमरे हैं। इनके चेयरमैन के लिए भी चैंबर है। भवन में एक लाइब्रेरी भी बनाई गई है।

नीतीश ने कहा- संसद की दिखेगी झलक

  • मुख्यमंत्री नीतीशने कहा, “बहुत ही खुशी की बात है कि आज सेंट्रल हॉल का विधिवत उद्घाटन हुआ है। जब मैं सांसद था, उस दौरान पार्लियामेंट के सेंट्रल हॉल की अवधारणा मेरे मन में थी। उसीकी तर्ज पर इसे बनाया गया है। इसका फर्नीचर भी बिल्कुल वैसा ही मजबूत और सुंदर बनाया गया है। “
  • “पार्लियामेंट के सेंट्रल हॉल में सांसदगण, पूर्व सांसद आकर बैठते हैं। आपस में दलगत भावना से उठकर एक साथ बैठकर बातचीत करते हैं। सीनियर पत्रकार भी वहां आते हैं। संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष आपस में कितना भी तकरार कर लें, लेकिन सेंट्रल हॉल में आकर खुले मन से मिलते हैं। गले मिलते हैं। हंसते हैं। लगता ही नहीं कि उनके बीच कोई कटुता है या थोड़ी देर पहले ये सदन में एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोले थे। सेंट्रल हॉल की खासियत है कि माहौल हमेशा सौहार्दपूर्ण बना रहता है।”
  • “हमारी इच्छा है कि बिहार विधानमंडल के सेंट्रल हॉल में भी ऐसा ही वातावरण देखने को मिले। यहां भी लोग इसी तरह प्रेम से मिलें, हंसें। यहां खाने-पीने की व्यवस्था भी रहेगी, ताकि किसी प्रकार की किसी को असुविधा नहीं हो। इसमें जरूरत की सारी सुविधाओं का ध्यान रखा गया है।आगे भी जरूरी बदलाव किए जाएंगे।”

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बिहार विधानमंडल का भवन।


भवन में 3 फ्लोर और 120 कमरे हैं।


संसद के सेंट्रल हॉल की तरह फर्नीचर लगा है।


सेंट्रल हॉल में लाइब्रेरी भी बनाई गई है।

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