जॉर्जटाउन. भारत सरकार के अफसर ने कहा है कि भले ही भगोड़े कारोबारी मेहुल चौकसी ने एंटीगुआ और बारबुडा का पासपोर्ट हासिल कर लिया हो लेकिन वह अभी भी भारतीय नागरिक है। हम उसे वहां से लाने की कोशिशें कर रहे हैं। चौकसी 13,700 करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले में आरोपी है। वह एंटीगुआ की नागरिकता लेकर वहां रह रहा है।
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गुयाना में भारत के राजदूत और एंटीगुआ एंड बारबुडा में नॉन-रेजीडेंट हाईकमिश्नर वेंकटचलम महालिंगम ने एक इंटरव्यू में बताया, “चौकसी ने अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ी नहीं है। हमने उसका पासपोर्ट निरस्त कर दिया है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हमने उसकी नागरिकता रद्द कर दी है। अगर कोई अपनी नागरिकता छोड़ना चाहता है तो हमें यह मानना चाहिए। लेकिन इस बात हमने सहमति नहीं जताई है।
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महालिंगम ने यह भी कहा, “आपने (चौकसी) कोई अपराध जैसा नहीं किया और देश छोड़कर भाग गए। जरा सोचिए, अगर हम आपकी नागरिकता खत्म कर दें तो यह बेवकूफीभरा काम होगा।”
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पिछले साल अगस्त में भारत ने चौकसी के प्रत्यर्पण के लिए आवेदन दिया था। जानकारी के मुताबिक, अगर दोनों पक्ष (भारत और एंटीगुआ) इस बात राजी हो जाएं कि चौकसी भारतीय नागरिक है तो कॉमनवेल्थ देशों के समझौते के मद्देनजर उसे प्रत्यर्पित किया जा सकता है। लेकिन चौकसी की एंटीगुआ की नागरिकता को लेकर दिक्कत पेश आ सकती है क्योंकि भारत में द्वैध नागरिकता की अनुमति नहीं है।
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सितंबर में एंटीगुआ के प्रधानमंत्री ऑफिस के चीफ ऑफ द स्टाफ लियोनेल हर्स्ट ने एक निजी चैनल से कहा था कि चौकसी एंटीगुआ और बरबूडा के किसी अन्य नागरिक की तरह सुरक्षा पाने का हकदार है।
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नवंबर में चौकसी ने मुंबई के कोर्ट में दायर याचिका में इस बात का खंडन किया था कि वह एक भगोड़ा है और स्वास्थ्य कारणों को आधार बनाकर भारत नहीं लौटना चाहता। वहीं, पिछले हफ्ते चौकसी के मुंबई के वकील संजय एबट ने इस बात की पुष्टि की थी कि चौकसी ने अपना पासपोर्ट सरेंडर कर दिया है।
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संजय ने कोर्ट से कहा कि चौकसी की नागरिकता की बात उसके एंटीगुआ के वकील डेविड डोरसेट से पूछी जाए। लेकिन डोरसेट ने सिटिजनशिप के मसले पर जवाब नहीं दिया।
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नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर चुका है। ईडी ने भारत समेत दूसरे देशों में दोनों की करोड़ों रुपए की संपत्तियां भी अटैच की हैं। दोनों के खिलाफ मुंबई स्थित भगोड़ा अदालत में मामला चल रहा है। अदालत के नोटिस के जवाब में दोनों ने कहा था कि मॉब लिचिंग के खतरे की वजह से वो भारत नहीं आ सकते।
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पिछले साल फरवरी में पीएनबी घोटाला सामने आया था। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी इससे पहले ही विदेश भाग गए थे। दोनों पर आरोप है कि इन्होंने पंजाब नेशनल बैंक की मुंबई स्थित ब्रेडी हाउस ब्रांच के अधिकारियों की मिलीभगत से 13,700 करोड़ रुपए का घोटाला किया। 2011 से 2018 के बीच फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स (एलओयू) के जरिए इन्होंने रकम हासिल की थी। इसी हफ्ते यह जानकारी भी सामने आई है कि चौकसी पर एसबीआई के भी 405 करोड़ रुपए बकाया हैं। बैंक ने खुद यह जानकारी दी।