चुनावी भाषा में ही समझिए चुनावी बजट के मायने

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अच्छे दिन युवाओं के नहीं आए…
रोजगार की कोई बड़ी योजना नहीं आई, बावजूद इसके कि बेरोजगारी 5 साल में 230% बढ़ी है।
पीयूष गोयल ने कहा-विकास होगा तो नौकरियां भी बढ़ेंगी। हालांकि, सरकारी आंकड़ों के अनुसार मोदी सरकार में नौकरियां यूपीए-2 की तुलना में 53% कम हुई हैं।

सबका साथ पाने की कोशिश
किसानों-मध्यमवर्ग को खुश किया, भाषण में घुमंतुओं से लेकर एनआरआई तक का जिक्र
गोयल ने कहा-घुमंतू समुदाय की गणना के बाद उनके विकास के लिए आयोग बनेगा। साथ ही कहा कि भारत के विकास को लेकर एनआरआई समुदाय भी खुश है।

अबकी बार पुरानी बातें दोहराईं
कहा-सरकार 25% सामान छोटे कारोबारियों से ही खरीदेगी, लेकिन कोई बड़ी घोषणा नहीं की।
दोहराया कि एमएसएमई के लिए 59 मिनट में 1 करोड़ रु. तक का कर्ज देने की योजना है। कहा कि 25% सामान छोटे कारोबारियों से ही खरीदा जाएगा।

स्मार्ट सिटी भूल ही गए
2014 में 7 हजार करोड़ रुपए रखे गए थे,अभी तक रिलीज 2% से भी कम हुए हैं।
बजट भाषण में स्मार्ट सिटी योजना को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई। इसके स्टेटस तक पर बात नहीं हुई। 5 साल में स्मार्ट सिटी के तहत चल रहा काम 6% ही हो पाया है।

बेटी बचाओ भी सिर्फ बातों में
महिलाओं के लिए इस बजट में कोई घोषणानहीं की, उज्जवला योजना का जिक्र किया
कहा- उज्जवला योजना में 8 करोड़ एलपीजी कनेक्शन बांटने की योजना है। इनमें से 6 करोड़ बांटे जा चुके हैं। मुद्रा योजना का 70% लाभ महिलाअों ने उठाया है।

मन की बात कुछ ऐसे बताई:
2030 तक का विजन दिया- पूरा देश डिजिटल होगा, डिजिटल अर्थव्यवस्था का निर्माण होगा
बजट भाषण के दौरान कहा गया कि 2030 तक भारत पूरी तरह डिजिटल होने के अलावा प्रदूषण मुक्त भी हो जाएगा। सरकार ने विजन के कुल 10 आयाम बताए।

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budget in Modi Government’s language

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