नई दिल्ली. रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को दो अहम परियोजनाओं को मंजूरी दी। मंत्रालय ने 40 हजार करोड़ की लागत से 6 पनडुब्बियां बनाने के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा सेना के लिए 5 हजार एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) ‘मिलान 2टी’ हासिल करने के लिए भी मंत्रालय ने हरी झंडी दे दी है।
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मिलान 2टी मिसाइल का इस्तेमाल 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान हुआ था। हालांकि, उस दौरान इसे पाकिस्तानी फौजों के बंकरों को नष्ट करने के लिए इस्तेमाल किया गया था। मजबूत पाकिस्तानी बंकरों को वायर गाइडेड मिलान मिसाइल ने बखूबी तबाह किया था।
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भारतीय सेना के पास अभी एटीजीएम की कमी है। इजरायल की एटीजीएम स्पाइक और अमेरिका की जेवलिन को लेकर अभी कोई समझौता नहीं हो पाया है। उधर, डीआरडीओ की नाग मिसाइल अभी विकास के चरण में है। ऐसे में रक्षा मंत्रालय ने मौजूदा जरूरत पूरी करने के लिए मिलान मिसाइलों को मंजूरी दी है।
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय सेना को अभी 70 हजार एटीजीएम और करीब 850 लॉन्चर्स की जरूरत है। ये लॉन्चर्स कई प्रकार के हैं। सेना की योजना थर्ड जनरेशन एटीजीएम हासिल करने की है, जिसकी रेंच मौजूदा मिलान 2टी के बराबर ही हो।
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मिलान 2 टी फ्रांस की एटीजीएम है। सेमी ऑटोमेटिक कमांड टु लाइन ऑफ साइट (एसएसीएलओएस) मिलान 2 टी वायर गाइडेड मिसाइल है। इसका मतलब है कि लक्ष्य को भेदने के लिए लॉन्च युनिट को टारगेट सेट करना होगा। एमआईआरए और एमआईएलआईएस थर्मल साइट तकनीक से लैस होने की वजह से यह रात में भी लक्ष्य को भेद सकती है।
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, फरवरी के मध्य में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भारत दौरा करेंगे। इस दौरान इजरायल और भारत के बीच 3552 करोड़ रुपए की स्पाइक डील पर फैसला हो सकता है।