“सति मोह “माया हमेसा जीव को भ्रम और संदेह मे डालती है-ड़ा मनीष कुमार पाण्डेय

डाला/ सोनभद्र(गिरीश तिवारी)श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर के 51वे स्थापना दिवस समारोह मे चल रही राम कथा के तीसरे दिन काशी से पधारे आचार्य श्याम बली पाठक द्वारा श्री राम के महान चरित्र के उत्तम व्याख्या दी गई,कथा वाचक ड़ा मनीष कुमार पाण्डेय ने कहा की “सति मोह “माया हमेसा जीव को भ्रम और संदेह मे डालती है ।

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माया से भ्रमित हो कर जीव हमेसा अपने वास्तविक जीवन के उद्देश्य “आत्म उन्नति “के मार्ग  से भटक जाता है । सति के राम की माया ने अपनी ओर आकृष्ट किया था , प्रबल राम की माया ने  अनादि शक्ति को भी झूठ बोलने पर विवश किया था । राम की माया से ब्रह्मा और शिव भी भयभीत होते है , ऐसे दशा मे साधारण जीव किस गिनती मे है ? सति द्वारा सीता वेश बना लेने पर भगवान शिव मन ही मन सति को परित्याग कर देते है ।पर यह बात सति को स्पष्ट नही बताते । ऐसी असमान्य परिस्थितियों  मे संसारी व्यक्ति  गुस्से  मे उबल कर विस्फोटक हो जाता है । पर भगवान सदा शिव का अपने मंन और इन्द्रियों पर कितना सुंदर संतुलन और नियंत्रण है की वे सारी  विषम और प्रतिकूल  समय मे शिव सहज हो जाते है , और संसारी जीव जटिल बन जाता है ।
प्रत्येक व्यक्ति को अपनी दिनचर्या को शिवचर्या मे परिवर्तित करने की जरूरत है| कार्यक्रम का संचालन पंडित ओम प्रकाश तिवारी द्वारा किया गया ।।मानस प्रवचन के तीसरे दिन आचार्य जी का माल्यार्पण राम नगीना पाण्डेय जी एवं सनोज तिवारी जी द्वारा किया गया|कार्यक्रम के दौरान महंत श्री मुरली तिवारी,सजावल पाठक, अवध नाथ मिश्र,अमित देव पाण्डेय, अजय शर्मा ,सूर्य प्रकाश तिवारी, हनुमान पाण्डेय , एवं विद्याशंकर पाण्डेय आदि लोग मौजूद रहे |

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