भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान द्वारा 125 किसानो को वसुधा आश्रम में दिया गया प्रशिक्षण

डाला/सोनभद्र(गिरीश तिवारी)भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी द्वारा संस्थान के निदेशक डॉ विजेंद्र सिंह के दिशा निर्देशन में स्थानिय 125 किसानो को वसुधा आश्रम में प्रशिक्षण दिया गया।प्रशिक्षण के अन्त में मौजूद किसानो को बीज वितरण किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता सब्जी अनुसंधान के वैज्ञानिक डॉ0 सुबोध राय व वक्ता डॉ0 एस के सिंह ने किया।

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प्राप्त जानकारी के अनुसार सोनभद्र के 1000 लघु एवं सीमांत किसानों के पोषण एवं जीविकोपार्जन सुरक्षा हेतु आदिवासी  परियोजनाओं के अंतर्गत भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान द्वारा विगत 5 वर्षों से चोपन विकासखंड के 14 गांवों सलईबनवा , डहकुडंडी, सनायडंडी ,सरपतवा ,वसुधा, बालूकुदर,हेठवा, सतदूणी, पिपरणहवा, मदरिया एवं वबरेरा के टोलो में 1000 किसान परिवारों का चयन कर उन्हें उन्नत कृषि एवं संबंधित तकनीकों को अपनाने के लिए प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन के माध्यम से जागरुक किया जा रहा है ।

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चयनित गांव के सभी किसानों विशेषकर लघु एवं सीमांत किसानों का पोषण एवं जीविकोपार्जन सुरक्षा हेतु पर्याप्त प्रशिक्षण एवं संगोष्ठी के उपरांत सब्जियों के उन्नतशील जैसे टमाटर में काशी अमन एव काशी विशेष, बैगन में काशी उत्तम एवं काशी तरु ,मिर्च में काशी अनमोल, भिंडी में काशी क्रांति ,लोबिया में काशी कचन एवं काशी निधि ,लौकी में काशी निधी, लौकी में  काशी गंगा, नैनवा में काशी दिव्या एवं कोहड़ा  में काशी हरित का प्रदर्शन खरीफ मौसम में लगभग 50 हेक्टेयर क्षेत्र में किया गया है ।पूर्व में किए गए सब्जियों के इन प्रजातियों के प्रदर्शन से इस क्षेत्र में औसतन 15 से 20% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है जिससे उत्साहित होकर चयनित गांव के साथ-साथ अन्य गांवों के किसान भी सब्जियों के इन किस्मों को अपनाकर लाभांवित हो रहे हैं।सब्जियों के व्यवसाय खेती के साथ-साथ ग्रामीण परिवारों की पोषण सुरक्षा के महत्व को देखते हुए सभी परिवार को गृह वाटिका के लिए प्रोत्साहित किया गया एवं उन्हें संस्थान के तरफ से प्रशिक्षण एवं मौसम सब्जियों के पैकेट भी दिए गए तथा किसानों को इसके बीज बनाने हेतु प्रोत्साहित किया गया  ।भारतीय सब्जी अनुसंधान के वैज्ञानिक वक्ता डॉ एस के सिंह एवं अध्यक्षता कर रहे डॉ सुदीप राय इस प्रशिक्षण में सब्जी के वैज्ञानिक खेती के बारे में किसानों को बताया कि इन नई एवं उन्नति शील तकनीकों को अपनाने से उनके कृषि आय में 20 से 25% की बढ़ोतरी हुई है एवं बाजार में उनके उत्पाद कीमत बढ़ी है ।इसके अलावा संस्थान द्वारा किसानों को  मधुमक्खी पालन एवं जैविक खेती के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है । संस्थान द्वारा माननीय प्रधानमंत्री महोदय के किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में यह एक सफल प्रयास है|इस दौरान समाजसेवी शंभू सिंह गौड़,नंदकुमार जी,इन्द्रेश उपाध्याय, रामेश्वर, राधे ,किसान फतेह सिंह ,रूप शाह ,इरावती, अशोक , राधेश्याम , रामेश्वर, नंदकुमार , सोमनाथ ,चंद्रशिला सविता , फुलेश्वरी आदि सैकड़ो लोग मौजूद रहे|

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