सोनभद्र (रवि पाण्डेय)पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के पिपरी खण्ड पर जिले की प्रभारी मंत्री अर्चना पाण्डेय और जिलाधिकारी अमित कुमार सिंह के निर्देश पर अधीक्षण अभियंता सुभाष चन्द्र यादव ने पिपरी विद्युत वितरण खण्ड के चार अवर अभियंताओ (कोन , चोपन , डाला और ओबरा) का कार्य क्षेत्र परिवर्तन 4 जुलाई को किया जिस पर 10 जुलाई को उपखंड अधिकारी ओबरा विवेक कुमार ने चारों अवर अभियंताओं को नवीन तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण करने का आदेश दिया लेकिन इन सब आदेशो को को महज कागज तक खानपूर्ति कर बड़े ही सरलता से अपने अनुशार उपखण्ड अधिकारी द्वारा स्थांतरण के बावजूद भी स्थिति को यथावत रखा गया है बात करने पर उनके द्वारा आज कल ज्वानिंग की बात करके पल्ला झाड़ लिया जाता है इसबात का अंदाज आप इसलिए केवल लगा सकते हैं की अबतक उपरोक्त में से एक भी अवर अभियन्ताओं को इनके नवीनतम कार्यस्थल का चार्ज नही दिया गया है कागज के आलावा। जिससे योगी सरकार में यह साफ जाहिर हो गया कि मंत्री हो या उच्चाधिकारी इनके लिए किसी का आदेश तब्बजो नही रखता है। सूत्रों की माने तो चोपन नगर में चर्चाओं का बाजार यहां तक गर्म है कि अवर अभियंता महोदय कहते है कि मेरी सेटिंग हो गयी है यहां से मुझे कोई नही हटवा सकता है। मेरा जब मन करेगा अपने मनमाफिक स्थान पर ट्रान्सफर कराऊंगा जबकि अबतक के हुए घटनाक्रम भी इसबात को मजबूती देने को काफी है ।
एक ओर देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री राम राज्य की तरह सुशाशन होने का दावा करते नहीं थकते तो वही दूसरी ओर अगर उक्त प्रकरण पे गौर करें तो सारी बातें केवल मंचो के भाषणों तक सीमित दिखती है इस विषय पर एक सप्ताह पूर्व जब snc ने गंभीरता से प्रसारित किया जिसके बाद ओबरा उपखण्ड अधिकारी ई. विवेक कुमार थोड़े हरकत में आये तो उनके द्वारा देर न करते हुए कागजों पर रिलीज लेटर बनाया गया पर जो महज कागज के पन्नों तक ही सीमित रह गया। चारो अवर अभियंताओं के इस विभागीय खेल से क्षेत्र की जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है । कोन और डाला क्षेत्र में एक दो घटनाये भी घट चुकी है । क्षेत्र में बिजली कटौती को लेकर जब ग्रामीण इन अधिकारियों से सम्पर्क सूत्र के माध्यम से वार्ता करते है तो इनका साफ शब्दों में जवाब होता है की ट्रांसफर हो गया है नए साहब से बात करे अब ऐसे जवाब पर ग्रामीण करे तो क्या करे उनको समझ मे नही आ रहा है। इन क्षेत्रों की जनता का कहना है कि
ऐसे में लोकसभा चुनाव महज गिने की दिन रह गए हों और अधिकारियो द्वारा ऐसी स्थिति बनाई जा रही जिसका कितना असर पड़ेगा ये आने वाले दिनों में पता चलेगा। लेकिन एक बात तो साफ होती नजर आ रही है की सरकार के मनसा अनुरूप किसी भी अधिकारी के सेहद पर कोई फर्क नही पड़ा है सारी स्थिति यथावत दिख रही है।