गांव के लोग हड्डियों में विकृति आने के कारण लाठी पकड़कर चलने को मजबूर हैं
ग्रामीण पीड़ित व्यक्ति सरकार प्रशासन से मांग रहे जीवनदायीनी जल की भीख
नागरिकों का टूटा भरोसा, हताशा के साथ झुंझलाहट, बीमारियां नासूर बनती जा रही हैं
कोन/सोनभद्र-(नवीन चंद्र)-महिला सुरक्षा एवं जनसेवा ट्रस्ट की अध्यक्ष सावित्री देवी ने जनपद सोनभद्र में विकास खण्ड चोपन के ग्राम पंचायत पडरछ में लोग फ्लोराइड की समस्या की दशा झेल रहे है साथ ही जनपद के अन्य भी ग्रामीण कई क्षेत्र है। सावित्री देवी पडरछ क्षेत्र में उनके बीच जा कर रह कर सुबह से शाम पूरे गाँव घूम कर सैकड़ो लोगों के घर जा कर वहां की स्थिति देख बहुत दुखी हुयी। आँख भर आया बच्चेंए बच्चियां, बूढ़े,जवान सब पानी मे फ्लोराइड की मात्रा की बहुत ज्यादा की वजह से दिव्यांग हड्डियाँ टेढ़ी हो रही है बच्चों के दाँत सड़ते जा रहे दाँत से बदबू,खून आते है । बिजली नही,सड़क नही,राशन कार्ड नही कोई मूलभूत सुविधा नही।लोग भगवान से मरने की दुवा मांग रहे है।।इस गांव कम उम्र में ही हड्डियों में विकृति आने के कारण लाठी पकड़कर चलने को लोग मजबूर हैं। गांव के लोगों के दांत मैले और सड़े हुए देखने को मिले।ग्रामीणों की शिकायत है कि फ्लोराइड की अधिकता की समस्या का समाधान सरकार ढूढ़ता हैए लेकिन यहां सरकार,स्वास्थ्य विभाग,जिला प्रशासन,जन प्रतिनिधि का कोई कभी नहीं आता है। कुछ ग्रामीणों ने उन्होंने कहा कि फ्लोराइड की समस्या की वजह इस क्षेत्र में कोई शादी नही करता।यहां पानी में फ्लोराइड की अधिकता के बावजूद ग्रामीण उसका सेवन करने को मजबूर हैं।यहा ग्राम प्रधान द्वारा पानी की सप्लाई भी नही की जाती।गाँव के रामचंद्र जायसवाल उम्र 55 वर्ष ने कहा की हम सब का तो जीवन बिट गया है लेकिन हम सब के नाती पोते इस समस्या की मार झेल रहे है आखिर कौन सुनने वाला है हम सबका।सरजू पटेल पूरी तरह से बिस्तर पर हो गये है न तो उठ पाते है न बैठ पाते है जिंदगी मौत के बीच जुझ रहे है उन्होंने मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, जिलाधिकारी से गुहार लगाते हुये कहा की या तो मौत दे दो बाबू जी या तो जीवनदायीनी जल का कोई उपाय कर दो।इस गाँव मे मौके पर राम नरेश,सरस्वती,राजाराम,सुनीता देवी,नेहा,मधुबाला,अवधेश,सूरज,चंद्रावती,कांति देवी,बसंती,अभिषेक पटेल तमाम लोगों ने अपनी पूरी दुख भरी व्यथा सुनाई।सावित्री देवी ने कहा देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े क्षेत्रफल वाले जनपद सोनभद्र आयें जिसे देश की उर्जा की राजधानी कहते हैं आधा दर्जन विद्युत ताप गृह मौजूद हैं।साथ ही यह क्षेत्र स्टोन माइनिंग के लिये भी मशहूर है साथ ही जिन्होंने गुलजार किया है।वहीं यहाँ के नागरिकों को फ्लोरोसिस जैसी लाइलाज बीमारियाँ भी दी हैं। जिससे लोग सिर्फ जमीन पर रेंग कर चल सकते हैं। हम यह दावा नहीं करते कि यह देन सिर्फ इन कारखानों की है यह देन उस विकास की भी है जिसमें हमें जो नहीं उपलब्ध होता है उसको किसी भी हद तक पाने की जिद होती है। गांवों की स्थिति देखने के बाद साफ होने लगा है कि यहां न वैज्ञानिकों के प्रयास कम हुए और न ही किसानों यानि ग्रामीणों की समस्याएं दूर हुई हैं और सबसे प्रमुख बात यह कि इसके साथ ही अधिकारियों के वादे ही बदले हैं।जल्द इस मामले में उच्च अधिकारियों व मुख्यमंत्री जी से मिलकर इस पूरे प्रकरण को सामने रखा जायेगा जिससे कि फलोराइड समस्या से लोगों को निजात दिलाया जा सके।