सोनभद्र के अधिकारी सरकार को बदनाम करने में लगें है,इसकी विस्तृत जांच होनी चाहिए,धर्मवीर तिवारी

सोनभद्र(सीके मिश्रा)

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जनपद में अधिकारी एक साजिश के तहत योगी सरकार को बदनाम करने की मुहिम में जुटे हुए हैं । 7 जुलाई को मुख्यमंत्री योगी जी के सोनभद्र दौरे पर प्रशासन ने जिस तरह से न सिर्फ करोड़ों खर्च कर पैसे का दुरुपयोग किया है बल्कि मुख्यमंत्री दौरे पर प्रस्तावित सभी कार्यक्रमों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है । जिसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।उक्त बातें बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मवीर तिवारी ने कहा।
।आगे धर्मवीर तिवारी ने कहा कि प्रशासन 1001 जोड़ों की शादी करके सिर्फ वाहवाही लूटी है जबकि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में बड़ी संख्या में फर्जी शादियां हुई हैं जिसका खुलासा मीडिया लगातार कर रहा है । उन्होंने कहा कि शादी के नाम पर बड़ा खेल किया गया है और पूर्व में हुई शादीशुदा की पुनः शादी कराई गई । इतना ही नहीं कई उम्र दराज महिलाओं की भी प्रशासन ने शादियां करा दी, महज
मुख्यमंत्री को खुश करने व वाहवाही लूटने के लिए ।
सोनभद्र में अधीकरियो ने सरकार को बदनाम किया । इसकी विस्तृत जांच होनी चाहिए ।

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पूर्व जिलाध्यक्ष ने प्रशासन के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि प्रशासन किस तरह सीएम को बदनाम करने की कोशिश कर रहा इसकी बानगी सलखन स्थित उस जमीन से लगाया जा सकता है जिस पर प्रशासन ने ऐश से ईंट बनाने का प्लांट लगाकर सीएम से उद्घाटन कराने वाला था लेकिन ऐन वक्त पर कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया । क्योंकि मिली जानकारी के मुताबिक वह जमीन विवादित थी। धर्मवीर तिवारी ने कहा कि आखिर इतनी बड़ी चूक के लिए कौन जिम्मेदार है और ओबरा सीजीएम ने बिना जमीन की जांच किये किसके आदेश पर सीएसआर के धन का दुरुपयोग कर  ईंट बनाने की मशीन को उस विवादित जमीन पर स्थापित कर दिया । उन्होंने कहा कि ओबरा सीजीएम के कार्यो के लिए ऊर्जा मंत्री को पत्र लिखकर जांच की मांग की गई है ।
जिलाधिकारी के तानाशाही रवैये के चलते जनपद बदनाम हुआ है। धर्मवीर तिवारी ने कहा कि बभनी में आज भी पचास प्रतिशत शौचालय नहीं बने लेकिन वाहवाही लूटने व प्रमाणपत्र की लालच के लिए पूरे बभनी ब्लाक को सीएम योगी के मुखार बिंदु से ओडीएफ घोषित करा दिया गया, जो सीधा-सीधा योगी जी को बदनाम करने की रणनीति बनाकर किया गया है । उन्होंने कहा कि इस विषय की जानकारी मुख्यमंत्री जी को दे दिया गया है ।
पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मवीर तिवारी ने कहा कि खनिज निधि के करोड़ो रूपये का दुरुपयोग किया गया। इतना ही नहीं जिस व्यक्ति के खदान में हुए हादसे में गरीब मजदूर मरे और प्राथमिकी दर्ज है उसे ही खनिज निधि में सदस्य बना दिया गया और मनमाने तरीके से DMF फंड का दुरुपयोग किया । उन्होंने बताया कि उसे सदस्य के रूप में धन के बंदरबाट के लिए सहयोगी बनाया । प्रशासन मनमानी कर सीधे तौर पर संस्थाओं को धन दिया गया ।

धर्मवीर
तिवारी ने प्रशासन द्वारा सरकार को बदनाम करने की कड़ी में एक और उदाहरण पेश करते हुए कहा कि पटवध प्राथमिक स्कूल प्रथम पर मुख्यमंत्री द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान भी प्रशासन ने CM के आंखों में न सिर्फ धूल झोंका बल्कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ भी किया, धर्मवीर तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के निरीक्षण के दौरान प्रशासन द्वारा स्कूल में बच्चों के लिए प्रोजेक्टर की व्यवस्था की गई थी । यहां तक कि बच्चों के मिड डे मील के लिए गैस चूल्हा व सिलेंडर की व्यवस्था कराई गई । मुख्यमंत्री के निरीक्षण में प्रशासन द्वारा यह दिखाया गया कि इस विद्यालय में 7 अध्यापक तैनात हैं और उन्हीं के द्वारा बच्चों की शिक्षा-दीक्षा दिलाई जाती है । मगर मुख्यमंत्री जी के जाने के बाद जानकारी की गई तो उस विद्यालय में महज 3 अध्यापकों की तैनाती मिली और स्कूल से प्रोजेक्टर गायब मिला। मौके पर पूर्व की भांति लकड़ी पर खाना बनाते रसोईया भी मिली। यानी कुल मिलाकर प्रशासन ने मुख्यमंत्री को दिखाने के लिए यह सब व्यवस्था की थी ताकि मुख्यमंत्री जी उनकी व्यवस्थाओं को देख कर तारीफ कर सकें । इस पूरे विषय को लेकर मुख्यमंत्री जी को अवगत करा दिया गया है और उनसे सरकार को बदनाम करने के लिए कड़ी कार्यवाही का निवेदन किया गया है ताकि भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति कोई भी अधिकारी न कर सके और जनपद सोनभद्र को बदनाम होने से बचा जा सके ।

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