समलैंगिक यौन संबंधों सहित चार अहम मामलों पर 10 जुलाई से सुनवाई करेगी नवगठित संविधान पीठ

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दिल्ली हाई कोर्ट ने 2009 में अपने एक फैसले में कहा था कि आपसी सहमति से समलैंगिकों के बीच बने यौन संबंध अपराध की श्रेणी में नहीं होंगे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को दरकिनार करते हुए समलैंगिक यौन संबंधों को आईपीसी की धारा 377 के तहत अवैध घोषित कर दिया था

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