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अरुण जेटली की किडनी की समस्या अभी सुलझी नहीं है। हालांकि वे एम्स से घर लौट आए हैं। वेंकैया नायडू के कक्ष में जाकर उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता की शपथ भी ली, दफ्तर में भी काम रोजाना की तरह ही है, लेकिन डायलिसिस की जरूरत बनी हुई है। उन्हें गुर्दे का प्रत्यारोपण भी अंततः कराना ही होगा। कई मित्रों ने उन्हें सलाह दी है कि वह अमर सिंह की तरह सिंगापुर में जाकर गुर्दे का प्रत्यारोपण करा लें। लेकिन अरुण जेटली सारा इलाज दिल्ली में ही कराना चाहते हैं। वह अपने स्वदेशी माहौल में ज्यादा सहज रहते हैं।
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