नीति आयोग सोनभद्र(शिक्षा) के सूचकांकों के लिए बीएसए की अध्यक्षता में हुई बैठक

सोनभद्र(सीके मिश्रा)नीति आयोग सोनभद्र(शिक्षा) के सूचकांकों के लिए  सर्वशिक्षा अभियान कार्यालय में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सोनभद्र की अध्यक्षता में बैठक आहूत की गई जिसमें सर्व शिक्षा अभियान और बीएसए कार्यालय से डाटा एंट्री के लिए पटल सहायक, नीति-डाटा एंट्री नोडल , सभी खण्ड शिक्षा अधिकारी  और ब्लॉक कम्प्यूटर ऑपरेटर , नीति आयोग के ज्वाइंट पार्टनर पिरामल फाउंडेशन (शिक्षा) की टीम ने प्रतिभाग किया ।जिसमें  महत्वाकांक्षी जिलों में शिक्षा के सूचकांक मुद्दों पर जानकारी उपलब्ध कराई गई और उनपर योजना एवं कार्यशैली को तय किया गया।

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महत्वाकांक्षी जिलों में शिक्षा के सूचकांक:-

नीति आयोग द्वारा निर्धारित आठ सूचकांकों और उन लिए तय अंक की जानकारी दी गई जिससे दो मूल भागों में विभाजित किया गया- भौतिक अधोसंरचना(24%) और शैक्षिक गुणवत्ता(76%)। भौतिक अधोसंरचना में उपयोग करने योग्य बालिका शौचालय निर्माण(5%) और स्वच्छ भारत पुरस्कार 2019 के मानकों की जानकारी दी गई। कोई भी ग्राम तब तक ओडीएफ घोषित नहीं किया जाएगा जब तक उस गांव के विद्यालय में बालक बालिका का शौचालय उपयोग योग्य न हो। नोडल और कम्प्यूटर ऑपरेटर को गूगल स्प्रेडशीट के माध्यम से समस्त डाटा का आदान प्रदान एक ही फॉर्मेट पर करने को निर्देशित किया गया ताकि रियल टाइम में डाटा केंद्रीकृत रूप में प्राप्त हो सके।

पेयजल(4%):-

सभी विद्यलयों में पेयजल की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के लिए पेयजल की गुणवत्ता जांच करवाना अनिवार्य है और उसका प्रमाणपत्र भी अपलोड करना पड़ता है इसलिए जलनिगम प्रयोगशाला में पानी की जांच विशेषतया वर्षा ऋतु के बाद अवश्य करवाना सुनिश्चित करें।

विद्युतीकरण माध्यमिक विद्यालय में(1%)

बेसिक शिक्षा विभाग सोनभद्र प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में भी विद्युतीकरण कराने को कृतसंकल्प है ताकि इन विद्यालयों स्वच्छ पेयजल, आईसीटी के माध्यम से प्रभावशाली शिक्षण को सुनिश्चित किया जा सकता है। सौभाग्य योजना की सफलता प्रत्येक विद्यालय में विद्युत कनेक्शन के होने पर ही पूर्ण होगी। विद्यालय के विद्युत बिल का भुगतान शासनादेश के अनुसार ग्राम पंचायत वहन करेगी। माध्यमिक विद्यालयों में विद्युतीकरण शत-प्रतिशत करवाना सुनिश्चित करना है। डाटा एंट्री ऑपरेटर सभी विद्यालयों में वायरिंग और कनेक्शन की सूचना अभुक्ति के साथ उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।

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पिछले सत्र में ट्रांजीशन दर 72.16% रही थी। इसमें सबसे अधिक समस्या कक्षा 5 से उत्तीर्ण होकर के कक्षा 6 और कक्षा 8 से कक्षा 9  में प्रवेश को लेकर चिन्हित की गई हैं। इसके लिए कक्षा 5 और 8 के उत्तीर्ण छात्रों की डिजिटल सूची का निर्माण करते हुए अगली कक्षा में प्रवेश सुनिश्चित करना है। जिन बच्चों ने किसी भी सरकारी या गैर-सरकारी विद्यालय में प्रवेश नहीं लिया है उनको चिन्हित करते हुए नामांकन कराना और उसपर भी प्रवेश न लेने वाले बच्चों की अभ्युक्ति  लिखकर सक्षम अधिकारी/व्यक्ति/विभाग तक सूची पहुंचना तय करें। ट्रांजीशन दर के लिए 14% अंक सुरक्षित हैं।
नवीन नामांकन कक्षा 1 या आरटीई 2009 के नियमानुसार बच्चों का नामांकन करना है जिसके लिए आंगनबाडी से सूची प्रदान की जाएगी। ग्राम प्रधान अपने ग्राम पंचायत के बच्चों को मॉनिटर करते हुए विद्यालय में नामांकन कराने में सहयोग करेंगें।

4 जुलाई को “सोन-स्कूल कायाकल्प शिक्षा का संकल्प” के तहत सोन पढ़ेगा, सोन बढ़ेगा नाम से जिला स्तर, ब्लॉक स्तर और ग्राम पंचायत स्तर पर रैली निकालकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा और नामांकन सुनिश्चित किया जाएगा। इस वर्ष 2.5 लाख से अधिक नामांकन लक्ष्य को हासिल करना है। इसके लिए कक्षा 5 से लगभग 35000 उत्तीर्ण विद्यार्थियों को शत प्रतिशत नामांकित करना है और पहली बार परिषदीय विद्यालयों से कक्षा 8 से उत्तीर्ण सभी विद्यार्थियों को माध्यमिक विद्यालयों में (सरकारी और गैर सरकारी ), कौशल विकास केंद्रों पर संचालित कोर्स, पॉलिटेक्निक, आई टी आई आदि में नामांकन को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी तय होगी।

विशेष आवश्यकता वाले बच्चों

को ट्रैक करते हुए उनका नामांकन उनके लिए निर्मित विशेष विद्यालयों(अनुपलब्ध होने पर सामान्य विद्यालयों) में करना और विभिन्न सुविधाओं को प्रदान करना।
जिलाधिकारी  के द्वारा पंचायती राज और ग्राम प्रधानों को इस अभियान में सहयोग के लिए निर्देशित किया जाएगा। माइक्रो स्तर पर बने इस अभियान को 4 जुलाई से लेकर 31 जुलाई तक चलाया जाएगा।

बीटीसी और डीएलएड का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रशिक्षु इंटर्नशिप के दौरान विद्यालयों में नामांकन स्तर और शैक्षिक गुणवत्ता को सुधारने का प्रयास करेंगें इसके लिए डायट प्राचार्य ने अपनी कार्ययोजना प्रेषित कर दी है। इंटर्न को इसके लिए प्रायोगिक परीक्षा में विशेष अंक दिए जाएंगे। उनके द्वारा किए गए प्रयासों को डिजिटल ट्रैकिंग की जाएगी।
पाठ्यपुस्तकों का वितरण 31 जुलाई तक पूर्ण किया जाएगा तब तक पुस्तक बैंक के माध्यम से पुस्तकों को उपलब्ध कराकर शिक्षण कार्य किया जा सकता है और वेबसाइट पर मौजूद डिजिटल बुक्स का प्रयोग करते हुए शिक्षण कार्य जारी रख सकते हैं। पुस्तक वितरण पर 4% अंक सुरक्षित हैं। जिन विद्यालयों पर सभी बच्चों को पुस्तक बैंक के माध्यम से पुस्तकें उपलब्ध करा दी गईं हैं उन्हें संतृप्त मानते हुए उनकी संख्या दे सकते हैं और अभ्युक्ति में इसे दर्ज करेंगें।

छात्र शिक्षक अनुपात:-

सोनभद्र शिक्षकों की नियुक्ति के लिए स्वर्ग रहा है लो मेरिट पर भी नियुक्ति का लाभ देता है लेकिन अंतरजनपदीय स्थानांतरण में शिक्षकों की घर वापसी से यह अनुपात प्रभावित रहा। इस वर्ष महत्वाकांक्षी जिलों में स्थानांतरण पर लगी रोक से और नई नियुक्तियों से थोड़ा सुधार हुआ है । लेकिन अभी और भी नियुक्तियां की जानी हैं तब तक विकल्प के रूप में विद्यादान और इंटर्न (बीटीसीऔर डीएलएड) के माध्यम से इसपर नियंत्रण कर शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाया जाएगा। डायट सोनभद्र ने इसकी योजना तैयार की है।

शैक्षिक उपलब्धि(गणित और भाषा)50%

राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण के लिए पिरामल फाउंडेशन और डायट संयुक्त रूप से प्रश्नपत्र और मूल्यांकन प्रविधि जुलाई माह से ही तैयार कर अंतिम सप्ताह में गणित और भाषा से सम्बंधित परीक्षा का आयोजन किया जाएगा यह नियमित रूप से प्रत्येक माह आयोजित होगा।
प्रश्नपत्र, मूल्यांकन और अधिगम कौशल के सभी चरणों की जानकारी सभी शिक्षकों को दी जाएगी ताकि सभी एक लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए शिक्षण कार्य को सम्पन्न करने का प्रयास करेंगें।
इस अवसर पर पिरामल फाउंडेशन (शिक्षा) के सभी ग़ांधी फेलो ने अपना परिचय देते हो सोनभद्र के शिक्षा में अपना योगदान देने के लिए अपने कार्यक्षेत्र के बारे में बताया। बैठक के अंतिम चरण में आने वाली समस्याओं और सुझाओं को दर्ज किया गया जिसे योजना निर्माण में शामिल किया जाएगा।

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