रिर्पोटर पुरूषोतम चर्तुवेदी
वाराणसी। शारदीय नवरात्रि में समापन के डैलिम्स सनबीम ग्रुप ऑफ स्कूल्स एण्ड हॉस्टल रोहनिया प्रांगण मे शाम को हरितिमा से परिपूर्ण कृत्रिम रंग-बिरंगे फूलों की रंगोली और पर्दों से सजा शोभायमान हो रहा था। इस अवसर पर वाराणसी के 2500 से भी अधिक छात्र, अभिभावकगण, शिक्षकगण, भूतपूर्व छात्र एवं पदाधिकारीगण ने रंग-बिरंगे, नवीन परिधानों में सुसज्जित होकर एक दूसरे के साथ डांडिया का आनंद उठाया। इसी कड़ी में डैलिम्स सनबीम ‘रूद्राक्ष बैंड की धमाकेदार प्रस्तुति पर पूरा परिसर डांडियामय हो गया।
संस्था द्वारा आयोजित डांडिया कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथियों में दैनिक जागरण वाराणसी के महाप्रबंधक डॉ० अंकुर चड्ढा, समाज सेविका श्रीमती मीना त्रिवेदी, पूर्व सभासद की पत्नी श्रीमती पूजा मोहले, अनन्या क्लब की अध्यक्षा श्रीमती आरती भार्गव, समाज सेविका श्रीमती निधि मेहरा, सुप्रसिद्ध उद्योगपति श्रीमती सोनिया भसीन और डॉ० मीना चक्रवर्ती जी रही।
इस अवसर पर अनेकानेक सांस्कृतिक गीत-संगीत पर आधारित प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया। जैसे- सर्वश्रेष्ठ महिला एवं पुरुष परिधान धारक, सर्वश्रेष्ठ दंपति [कपल]. सर्वश्रेष्ठ डांडिया नृत्यांगना, सर्वश्रेष्ठ डांडिया राजा और रानी आदि की प्रस्तुतिकरण पर उन्हें संस्था द्वारा पुरस्कृत भी किया गया। डांडिया के इस पावन पर्व पर जैसे ही संगीत बजा वैसे ही उसके ताल की धुन पर उपस्थित जनसमूह के पाँव थिरकने लगे। सर्वप्रथम डांडिया का शुभारंभ संस्था के अध्यक्ष डॉ० प्रदीप ‘बाबा’ मधोक, निदेशिका श्रीमती पूजा मधोक एवं सभी शाखाओं के प्रधानाचार्यों द्वारा देवी माँ की आरती से हुआ। ऐसे में विद्यालय समुदाय जोश, उल्लास और सांस्कृतिक समृद्धि की दुनिया में पहुँच गया। इस अवसर पर संस्था के अतिरिक्त निदेशक श्री माहिर मधोक, अतिरिक्त निदेशिकाद्वय श्रीमती अलीशा मधोक व श्रीमती फिजा मधोक ने सक्रिय भागीदारी निभाते हुए सभी का उत्साह बढ़ाया। यह कार्यक्रम विविधता में एकता को चरितार्थ कर रहा था। इस प्रकार का आयोजन डांडिया नृत्य के तहत हमारी पुरानी संस्कृति को जीवंत रूप देने का प्रयास कर रही थी। ये पल न हमें अपने सांस्कृतिक विरासत को संजोने का मौका देते हैं, बल्कि डैलिम्स के मूल में निहित एकजुटता की भावना को भी पुष्ट करते हैं। अंत में विद्यालय की प्रधानाचार्या गुरमीत कौर ने सभी उपस्थित गणमान्य अतिथियों और अभिभावकों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित कर इस सांस्कृतिक कार्यक्रम का समापन किया।