अनपरा-सोनभद्र। हिण्डालको रेणुसागर पावर डिवीजन, रेणुसागर प्रेक्षागृह प्रांगण स्थित भब्य दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन गाजे बाजे के साथ सिन्दूरदान के उपरान्त किया गया। माॅ दुर्गा एवं लक्ष्मी, गणेश, सरस्वती व भगवान कार्तिकेय की प्रतिमाओं को विसर्जित करने के पूर्व वैदिक मंत्रोचार,अपराजिता पूजा, हवन ,कलस विसर्जन व

सिन्दूरदान के उपरान्त पूरे रेनूसागर कालोनी का चक्रमण कराया गया। तत्पश्चात जय माता दी- जय माता दी के उद्घोष के साथ श्री श्री दुर्गा पूजा समिति रेनूसागर के युवा कार्यकर्ताओं द्वारा गाजे बाजे के साथ डी जे की धुन पर थिरकते व नाचते गाते हुए निकाला गया। तत्पश्चात माॅ की भब्य प्रतिमा को शांति जल में विसर्जित किया गया। इस

सम्बन्ध में कलकत्ता से आये पंडित दिलीप चटर्जी ने बताया की हमारे सनातन धर्म में विसर्जन की परम्परा का पालन किया जाता है , मूर्ति का विसर्जन के पूर्व माता रानी का पूरा श्रृंगार किया जाता है महिलाये एक दूसरे की मांग पर सिंदूर लगाती है जो समृद्धि का प्रतीक माना गया है । पूजा समिति के सचिव समित मंडल ने उपस्थित जन समूह को माॅ दुर्गा का शुभाशीष दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में गोपाल मुखर्जी, प्रदुयुत दास, पलटू चटर्जी संदीप आचार्या ,एस के गोस्वामी ,संतोष तिवारी एवं अरविंद सिंह,का सराहनीय सहयोग रहा।इस अवसर पर दिशिता महिला मंडल की अध्यक्षा इंदु सिंह ,सचिव कविता श्रीमाली,विभा सिंह,सुमन द्विवेदी गायित्री भारद्वाज सहित भारी संख्या में महिलाएं उपस्थित रही।
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