बभनी थाने का सिपाही हुआ डेंगू का शिकार

अरुण पांडेय।

बभनी। थाने में तैनात सिपाही डेंगू के चपेट में आ गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जांच के बाद पुष्टि हुई। सिपाही को डेंगू निकलने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की टीम ने थाने पर कैंप लगाकर मलेरिया टायफाइड और डेंगू की जांच की जबकि थाने में तैनात अन्य सिपाहियों की रिपोर्ट नेगेटिव आई बभनी थाने में तैनात सिपाही सुधीर कुमार की तवियत शुक्रवार को खराब महसूस हुई शरीर में दर्द होने पर खून चेक कराया तो जांच में डेंगू निकला सिपाही का सिरम भी जांच करने के लिए भेजा गया शनिवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ.राजन सिंह पूरी टीम के साथ बभनी थाने पहुंचे और कैंप लगाकर वहां तैनात 23 जवानों का डेंगू जांच कराए जांच में सभी जवानों की रिपोर्ट नेगेटिव रही। डॉ. राजन सिंह ने बताया कि शुक्रवार को जांच के बाद एक सिपाही को डेंगू के लक्षण पाए गए इसके लिए सीरम जांच के लिए भेजा गया है शनिवार को कैंप के माध्यम से 23 जवानों का डेंगू जांच कराया गया और थाने परिसर में मच्छर रोधी दवा का छिड़काव भी कराया गया और यह भी बताया कि डेंगू का कोई भी मरीज नहीं मिला।

यदि क्षेत्र में दवा का छिड़काव होता तो नहीं होते इतने मरीज।

इस बात को लेकर स्थानीय ग्रामीण राम नारायन, सम्पत, अरुण, अमरकांत, कृष्ण कांत, अरविंद, गुलाब समेत अन्य लोगों ने कहा कि जैसे थाने में एक मरीज पाए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम सक्रिय होकर कैंप लगाकर जांच करने के पश्चात मच्छर रोधी दवा का छिड़काव किया उसी तरह यदि क्षेत्र में दवा का छिड़काव कराया जाता तो क्षेत्र से मलेरिया टायफाइड मियादी बुखार निमोनिया सर्दी-खांसी या तरह-तरह की बीमारियों से नहीं जूझना पड़ता और बाहर के अस्पतालों का चक्कर नहीं लगाना पड़ता इस बात से साफ स्पष्ट होता है कि स्वास्थ्य केंद्र में मच्छर रोधी दवा होने के बावजूद दवा का छिड़काव नहीं कराया जाता जिसका दंश आम जनता को झेलना पड़ता है और सरकारी सुविधाओं को अपने तक ही रखा जाता है।

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