जेल में बितायी अवधि सजा में होगी समाहित
राजेश पाठक/सर्वेश कुमार
सोनभद्र। सात वर्ष पूर्व कुल्हाड़ी, लाठी डंडे से मारकर हुए राम केवल हत्याकांड के मामले में बुधवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम जीतेंद्र कुमार द्विवेदी की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दोषियों शंभू धांगर,विनोद धांगर, अच्छेलाल धांगर, धरमू धांगर, जय सिंह चेरो व विजय चेरो को उम्रकैद व 27-27 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 4-4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अभियोजन पक्ष के मुताबिक शंकर धांगर पुत्र राम केवल निवासी ग्राम दरमा, थाना रामपुर बरकोनिया, जिला सोनभद्र ने 11 जुलाई 2017 को रामपुर बरकोनिया थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि 11 जुलाई 2017 को सुबह 10 बजे उसके पिता राम केवलजंगल में गाय बैल मवेशियों को चरा रहे थे। उसकी चाची शांति देवी वहीं घर के सामने पत्थर पर बैठी थी। उसी समय उसकी पत्नी सितारा देवी और उसकी मां धन्वंतरि देवी उसके बच्चे की फीस के लिए रिश्तेदारी में डोमारिया जा रही थी। उसी समय अभियुक्तगण शंभू धांगर, विनोद धांगर पुत्रगण बब्बन धांगर, अच्छेलाल धांगर पुत्र जमदार धांगर, धरमू धांगर पुत्र लक्षन धांगर, जय सिंह चेरो व विजय चेरो पुत्रगण रामजनम चेरो निवासीगण ग्राम दरमा, थाना रामपुर बरकोनिया, जिला सोनभद्र एकराय होकर आए और उसके पिता राम केवल को घेरकर कुल्हाड़ी व लाठी डंडे से बहुत बेरहमी से मारने पीटने लगे। उसकी चाची, पत्नी, मां ने शोर करते हुए बीच बचाव करने लगे तो अभियुक्तगण गाली देते हुए जंगल की ओर भाग गए। जब मौके पर जाकर देखा तो उसके पिता राम केवल की मौत हो गई थी। शंभू और विनोद कुल्हाड़ी लिए हुए थे, जबकि अन्य अभियुक्त लाठी डंडे लिए थे। यह घटना पटना टोला गांडूडीह की है आवश्यक कार्रवाई की जाए। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया। मामले की विवेचना करते हुए विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर कोर्ट ने दोषसिद्ध पाकर दोषियों शंभू धांगर विनोद धांगर, अच्छेलाल, धरमू धांगर, जय सिंह चेरो व विजय चेरो को उम्रकैद व 27-27 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 4-4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील विनोद कुमार पाठक ने बहस की।