ब्लॉकचेन डाटा के साथ छेड़छाड़ या बदलाव असंभव- मनीष श्रीवास्तव

ब्लॉकचेन अवेयरनेस प्रोग्राम आयोजित।

ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी से रूबरू हुए पूर्वांचल के सैकड़ो युवा।

वाराणसी । उत्तर प्रदेश

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी एक सार्वजनिक डेटाबेस है जिसमें हाई सिक्योरिटी के साथ डिजिटल इन्फॉर्मेशन को स्टोर करते हैं। सामान्यतः इसमें क्रिप्टोकरेंसी (जैसे- ग्रीन लेजर कॉइन, बिटकॉइन, आदि) के लेन-देन का रिकॉर्ड अनेक कम्प्यूटरों में रखा जाता है, जो एक ही नेटवर्क से जुड़े होते हैं। क्रिप्टोकरेंसी के अलावा भी इसमें अन्य तमाम प्रकार के इन्फार्मेशन को डिजिटल फॉर्मेट में स्टोर किया जा सकता है। इसके हर अगले ब्लॉक में पिछले ब्लॉक के लेनदेन के रिकॉर्ड्स के साथ-साथ एक क्रिप्टोग्राफिक हैश तथा एक टाइमस्टैम्प जुड़ा रहता है, जो इसे हाई सिक्योरिटी प्रदान करता है, इसमें उपस्थित डेटा के साथ छेड़छाड़ करना या उसमें बदलाव करना लगभग असंभव है। उक्त बातें ग्रीन लेजर के फाउंडर मनीष श्रीवास्तव ने कही।

रविवार को वाराणसी के कैंटोनमेंट एरिया स्थित स्क्वायर इन होटल में पूर्वांचल के विभिन्न जिलों से आए सैकड़ो युवाओं ने ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी अवेयरनेस प्रोग्राम के तहत ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी की बारीकियां को समझा। ग्रीन लेजर कॉइन ब्लाकचैन विशेषज्ञ विपिन पांडेय, आनंद जायसवाल, डॉक्टर एसएन सिंह, नसीम अख्तर द्वारा युवाओं से अपने अनुभव साझा किए गए।

कार्यक्रम का आयोजन आनंद पांडेय द्वारा किया गया एवं संचालन दुर्गेश त्रिपाठी द्वारा किया गया। साथी ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी से जुड़कर अपने छात्रों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले लोगों को मंच पर फूल माला पहनकर सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से मयंक श्रीवास्तव, गौरव सिंह, अनुराग कुमार, हेमंत सिंघल आदि सहित सैकड़ो की संख्या में पूर्वांचल व आसपास के राज्यों से सैकड़ो युवाओं ने प्रतिभाग किया।

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