पूर्वांचल के विद्वानों को शब्द शिरोमणि सम्मान से किया सम्मानित

सर्वेश श्रीवास्तव

सोनभद्र। विंध्य पर्वतमाला की आदिवासी बाहुल्य जनपद सोनभद्र की बहुचर्चित साहित्यिक संस्था सोन साहित्य संगम ने हिंदी साहित्य के मार्तंड, भक्त प्रबर, संत शिरोमणि, सगुणोपासक, राम भक्त गोस्वामी तुलसीदास के जन्मोत्सव पर विंध्य क्षेत्र के सुदूर अंचल धर्म और संस्कृतिक नगरी प्रयागराज की धरती पर पुस्तक विमोचन एवं कवि सम्मेलन का आयोजन कर साहित्य के क्षेत्र में इतिहास रचने का कार्य किया है। बताते चलें कि साहित्यिक संस्था के संयोजक

राकेश शरण मिश्र की प्रथम पुस्तक खामोश कैसे रहूं के लोकार्पण समारोह एवं कवि सम्मेलन में हिंदी साहित्य को बढ़ावा देने वाली कई अन्य संस्थाओं ने भी अपनी अहम भूमिका निभाई और पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों से आए कवियों ने एक से बढ़कर एक कविताएं सुना कर सभागार में बैठे कविता प्रेमियों को ताली बजाने के लिए मजबूर कर दिया। कवियों ने गीत, गजल, मुक्तक एवं हास्य व्यंग्य की रचनाएं पढ़कर कवि सम्मेलन को ऊंचाई पर पहुंचाने के साथ ही कार्यक्रम आयोजित करने वाली संस्था को बधाई दी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के निर्देशक एवं वरिष्ठ पत्रकार मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी ने तथा संचालन अखिल भारतीय कवि सम्मेलन की मंचीय कवयित्री गीतकार एवं गीत कस्तूरी संस्था की निदेशक डॉक्टर रचना तिवारी ने किया। इस दौरान लखनऊ से चलकर प्रयागराज आए हिंदी साहित्य के विद्वान एवं अधिवक्ता जयनारायण पांडेय बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। वहीं विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान प्रयागराज के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ ओम प्रकाश त्रिपाठी मुख्य वक्ता और संस्थान के सचिव एवं विश्व स्नेहा समाज के संपादक डॉक्टर गोकुलेश्वर कुमार द्विवेदी और प्रतापगढ़ से चलकर आए प्रखर शिक्षाविद बीके त्रिपाठी तथा हिंदी श्री पब्लिकेशन के प्रमुख और प्रख्यात कवि आनंद अमित विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। इस अवसर पर विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान प्रयागराज के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ ओम प्रकाश त्रिपाठी, गोकुलेश्वर कुमार द्विवेदी, संयुक्त सचिव ईश्वर चरण शुक्ल, गीत कस्तूरी संस्था की निदेशक एवं गीतकार डॉक्टर रचना तिवारी, प्रतापगढ़ से आए शिक्षाविद वीके त्रिपाठी, लखनऊ से पधारे साहित्य से सी एवं उच्च न्यायालय के अधिवक्ता जयनारायण पांडेय, भदोही के वरिष्ठ कवि साहित्यकार आनंद अमित सहित कई अन्य विद्वानों को सोन साहित्य संगम के निर्देशक एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी संस्था के संयोजक राकेश शरण मिश्र और मुख्य अतिथि द्वारा अंग वस्त्र ‌, स्मृति चिन्ह, सम्मान पत्र और साहित्यिक पुस्तक देकर संत शिरोमणि सम्मान से सम्मानित किया गया। सभागार में बैठे साहित्य और कविता में अनुराग रखने वाले सुविधाओं की तालियों से सभागार गुंजित हो उठा जो देखते ही बन रहा था।

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