मां-बेटों को 6- 6 माह कैद की सजा
अर्थदंड की धनराशि का 60 प्रतिशत वादिनी को मिलेगी
राजेश पाठक
सोनभद्र। साढ़े सात वर्ष पूर्व हुए अमेरिका प्रसाद हत्याकांड के मामले में सोमवार को सुनवाई करते हुए सत्र न्यायाधीश रविंद्र विक्रम सिंह की अदालत ने दोष सिद्ध पाकर दोषी बबई राम को 8 वर्ष की कैद व 10 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं मां – बेटों को 6- 6 माह कैद की सजा सुनाई है। अभियुक्तगणों की जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अर्थदंड की धनराशि का 60 प्रतिशत वादिनी को मिलेगी। अभियोजन पक्ष के मुताबिक ओबरा थाना क्षेत्र के खैरटीया (बिल्ली मारकुंडी) गांव निवासी केशरी देवी ने ओबरा थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि 30 सितंबर 2016 को शाम साढ़े सात बजे वह अपने घर के दरवाजे पर मौजूद थी तभी गांव के पट्टीदार बबई राम पुत्र स्वर्गीय राम अभिलाष उसे बच्चों के विवाद और पुरानी रंजिश के चलते गाली देने लगे। जब उसने गाली देने से मना किया तो राजकुमार और अशोक कुमार पुत्रगण बबई राम भी आ गए और दोनों गाली देने लगे। शोरगुल की आवाज सुनकर उसके पति रामचंद्र, बेटा अमेरिका प्रसाद और बहु तरवंती देवी आकर बीच बचाव करने लगे। इसी बीच अभियुक्तगण गाली देते हुए एवं जान मारने की धमकी देते हुए लाठी डंडा और लात घुसे से मारने पीटने लगे। इस दौरान उसके बेटे अमेरिका प्रसाद को सिर में गंभीर चोटें आई और बेहोश होकर गिर गया। इतना ही नहीं उसके पति रामचंद्र को हाथ और पैर में चोटें आई, उसकी बहु तरवंती देवी और उसे भी काफी चोटें आई। आस-पास के लोग आए और घटना को देखा तथा बीच बचाव किया। किसी प्रकार से अपनी बहु के साथ सूचना देने आई हूं। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। उधर इलाज के दौरान बेटा अमेरिका प्रसाद की मौत हो गई। विवेचक ने मामले की विवेचना किया। पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में बबई राम, राजकुमार, अशोक कुमार और शिवकुमारी के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने के बाद दोषसिद्ध पाकर दोषी बबई राम को 8 वर्ष की कैद एवं 10 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं राजकुमार, अशोक कुमार और शिवकुमारी को दोषसिद्ध पाकर 6- 6 माह कैद की सजा सुनाई। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि का 60 प्रतिशत वादिनी को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता ज्ञानेंद्र शरण रॉय ने बहस की।