सोनभद्र (सर्वेश कुमार)। राम मंदिर को राष्ट्र मंदिर कहना अधिक उपयुक्त है। प्राण प्रतिष्ठा का अर्थ है, 22 जनवरी को भारत की अस्मिता का जागरण। रामराज्य की स्थापना का प्रथम द्वार खुलना । राम लला का महल देश के सभी वर्गों के लोगों की समस्याओं का समाधान भी बनेगा । यह मंदिर भारत की प्रगति का सूचक भी है। जीवन के सबसे सुखद क्षण की अनुभूति हो रही है। धर्म की विजय की अनुभूति हो रही है। सत्य के विजय की अनुभूति हो रही है। भारत माता की अखंडता की संभूति की अनुभूति हो रही है। आज सम्पूर्ण विश्व राम मय दिख रहा है । सम्पूर्ण विश्व की सत्ता भारत की सत्ता को प्रणाम कर रही है। यह मंदिर सामाजिक सौहार्द और जन आकांक्षाओं की भारती भावना को प्रकट करता है। यह राम राज्य के आदर्शो का प्रमाण और आधुनिक भारत का प्रतीक होगा। श्री रामकथा की अदभुत शक्ति का दर्शन रविवार को पूरे
जनपद में दिख रहा है। नगवां, चतरा, राबर्ट्सगंज, घोरावल, करमा, चोपन, कोन, दुद्धी, म्योरपुर, बभनी ब्लॉकों के अंतर्गत 629 ग्राम पंचायतों के 1600 राजस्व गांवों में 22 जनवरी को लेकर गजब का उत्साह देखा जा रहा है। अयोध्या के श्रीराम मंदिर में श्रीराम लला के नूतन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जिले के सभी मंदिरों में विविध प्रकार के आयोजन हो रहे हैं । मेरी 66 साल की उम्र में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जैसा उत्साह है , वैसा आज तक न तो 1977 में बाबू जय प्रकाश की समग्र क्रांति के आह्वान के दौरान दिखा था, न ही किसी अन्य अवसर पर। विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में प्रत्येक गांव के मंदिर की स्थानीय लोगो की आयोजन समितियों की ओर से मंदिरों की साफ सफाई की गई है। भजन ,कीर्तन ,भंडारा आदि के अलावा एलेडी टीवी लगाई जा रही है , जिससे सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा का सजीव प्रसारण देखा जा सके। ऐसे बहुत से फोन मेरे पास आते रहते हैं जिसमें पूजित अक्षत पाने के लिए आग्रह रहता है। उदाहरण के लिए लखन पुरवा गांव के विजय
विनीत , पसही गांव के प्रेमनाथ पाण्डेय , हेमनाथ पाण्डेय , बद्रीनाथ पांडेय एडवोकेट और एक बड़े अधिकारी। सतेंद्र पाठक लखनपुरवा जा कर पूजित अक्षत देकर आए।
ईश्वर प्रसाद पीजी कालेज देउरा में शनिवार को सुंदर काण्ड के पाठ के बाद हवन पूजन कर 22 जनवरी के आयोजन पर चर्चा हुई। राबर्ट्सगंज में कुल 17 मंदिरों में आयोजन होंगे। लेकिन विशेष आयोजन विजयगढ़ वाटिका के सामने श्रीराम जानकी मंदिर में राम जन्मोत्सव अखाढ़ा परिषद की ओर से होगा।
याद आ रहे ये लोग ________________
मेरे मित्र रहे स्वर्गीय राकेश मिश्र ,
गोविंद यादव , हनुमान दास केशरी ,
सरदार गुरुमुख सिंह , लल्लू सिंह
आदि आंदोलन के साथी थे ।
जनांदोलन बनाने वाले
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श्रीराम जन्म भूमि आंदोलन को
सोनभद्र में जन आंदोलन बनाने
वालों में मेरे मार्ग दर्शक थे _ राबर्ट्सगंज के उर्वरक व्यवसाई शिव शंकर गुप्त जो संघ के संघचालक थे ,
राजा शारदा महेश इंटर कालेज के
प्रिंसिपल गुरुदेव
शिवधारी शरण राय , प्रचारक जागेश्वर जी , जमसोसकर गांव के बाबू श्री निवास सिंह विहिप के पदाधिकारी ।
मंच साझा किया था
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काशी के बेनियां बाग में अशोक सिंहल , राबर्ट्सगंज के राजा तेजबली शाह क्लब में जगत गुरु
शंकरा चार्य बासुदेवानंद जी महाराज , साध्वी रितंभरा जी ,
रामलीला मैदान में विनय कटियार
जेल के साथी थे
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इस समय के रक्षा मंत्री राजनाथ
सिंह , शिवशंकर जी , दयाशंकर
जी , मनोज पांडेय समेत कुल 1500
कार सेवक अयोध्या जी और गुरमां
खुले बंदी गृह में ।
शरण मिली थी
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चंदौली जिले के दीन दयाल नगर
में पोस्ट ऑफिस के अभिकर्ता
आनंद श्रीवास्तव , गल्ला मंडी
के व्यापारी राम जनम, नियमता बाद केराजनाथ
सिंह , वयवस्था प्रमुख
बिसौरी के बाबू रतन सिंह के
घर ।
आर्थिक सहयोग
राबर्ट्सगंज के उर्वरक व्यापारी शिवशंकर गुप्त , मेरी आदरणीय भाभी जी ( प्रमोद गुप्त की मां ) आदि प्रवास के लिए पैसा, रात्रि निवास भोजन , वस्त्र , बिछावन
आदि का प्रबंध किया करते थे । मेरे साथ बड़े भाई मंगरू प्रसाद यादव साथ साथ रहा करते थे । आंदोलन के दौरान स्वाधीनता संग्राम सेनानी पंडित राधा प्रसाद शर्मा , साहित्यकार अजय शेखर , पत्रकार गुरुदेव महावीर प्रसाद जालान हर प्रकार का सहयोग प्रदान करते थे। संघ प्रचारक कुंवर बहादुर सिंह , जागेश्वर जी , राम बुझारत जी ,
अरविंद जी आदि के साथ काम कर आंदोलन को गति देने में सहयोग मिला।
समाचार पत्र
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हिंद भास्कर समाचार पत्र के संपादक और समाचार संपादक जी के सहयोग से श्रीरामजनम भूमि पर बने मंदिर और प्राण प्रतिष्ठा से संबंधित खबरें तथा लेख प्रकाशित होते आ रहे हैं । 1990 के दशक में आज समाचार पत्र के मेरे गुरुदेव
महावीर जालान , दैनिक जागरण के सत्यनारायण
जालान , न्यायाधीश के संपादक डाक्टर रघुबीर चंद जिंदल , जागरण की टीम पूर्ण रूप से सहयोग करती थी ।