जल्द होगा बच्चों की समस्या का समाधान- जिलाधिकारी
दुद्धी-सोनभद्र(राहुल जायसवाल)। शासन द्वारा सरकारी स्कूलों को मॉडल बनाने को लेकर सरकार गंभीर हैं और इसके लिए कायाकल का अभियान जारी हैं। अभी हाल ही में दुद्धी विकास खण्ड के 7 विद्यालय कायाकल्प के चयनित किए गए हैं ।लेकिन दुद्धी ब्लॉक मुख्यालय के चंद कदमों पर स्थित एक विद्यालय अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा हैं, जहाँ न तो बाउंड्री वाल हैं और न ही विद्यालय में एक भी शौचालय हैं। इसलिए मजबूरन प्राथमिक विद्यालय कलकली बहरा द्वितीय के शिक्षिकाओं सहित बालिकाओं व बच्चो को खुले में बाहर
झाड़ियों में जाना पड़ता हैं। इस स्कूल के बच्चों के लिए स्वच्छता अभियान सिर्फ कागजों पर पढ़ने व देखने के लिए मिल रहे हैं, जबकि उक्त विद्यालय में लगभग 100 से अधिक बच्चे नामांकित हैं। सरकार विद्यालयों को हाइटेक बनाने के लिए लाखों रूपये खर्च कर रही हैं ताकि सरकारी स्कूल प्राइवेट का मुकाबला कर सके, लेकिन यह बदनसीबी ही हैं कि एक तरफ जहाँ प्राथमिक विद्यालय कलकली बहरा प्रथम की कायाकल्प सहित अन्य व्यवस्थाओं से लैस कर दिया गया, वहीं प्राथमिक विद्यालय कलकली बहरा द्वितीय अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा हैं। बता दें कि रेलवे स्टेशन के पास स्थित प्राथमिक विद्यालय कलकली बहरा द्वितीय नगर पंचायत क्षेत्र में आता हैं जबकि प्राथमिक विद्यालय कलकली बहरा प्रथम ग्रामीण क्षेत्र में आता हैं। नगर पंचायत में स्थित स्कूल की हालात बद से बदतर देखकर लोग तो अब यहीं कहने लगे हैं कि नगर पंचायत से बेहतर तो ग्राम पंचायत में स्थित स्कूल देखने को मिल रहें हैं। ज़ब प्राथमिक विद्यालय कलकली बहरा द्वितीय की स्थिति दो युवा पत्रकारों ने देखी तो उन्होंने इसकी बदहाली के कारणों का पता लगाने में जुट गए। दैनिक समाचार पत्र से जुड़े पत्रकार रवि सिंह व रमेश कुमार यादव ने सबसे पहले खण्ड शिक्षा अधिकारी दुद्धी महेंद्र मौर्य से मामले की जानकारी ली, इसके बाद चेयरमैन कमलेश मोहन से मिलकर वस्तु स्थिति से अवगत कराया तो पता चला कि कई महीनों पहले डिमांड भेजी गई हैं लेकिन बजट नही हैं। इसके बाद शनिवार को दुद्धी तहसील समाधान दिवस पर आए डीएम व सीडीओ को दोनों युवा पत्रकारों ने अवगत कराया, जिसका संज्ञान लेते हुए सीडीओ ने तत्काल नगर पंचायत और खण्ड शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया और कहा कि उक्त स्कूल की व्यवस्था बहुत जल्द सुदृढ़ किया जाये। जिससे बच्चो को कोई समस्या न होने पाए।