51000/- की नगद धनराशि, अंगवस्त्रम, प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह प्रदान कर मां शारदा शिक्षा सेवा ट्रस्ट द्वारा भव्य समारोह में किया गया सम्मानित
मिथिलेश द्विवेदी/सर्वेश श्रीवास्तव
सोनभद्र। नवगीत के प्रवर्तक, कवि, प्रख्यात साहित्यकार ठाकुर प्रसाद सिंह का व्यक्तित्व, कृतित्व वर्तमान साहित्यकारों के लिए प्रासंगिक है। काशी के ईश्वरगंगी मोहल्ले में पले, बढ़े ठाकुर प्रसाद सिंह ने हिंदी नवगीत बिधा को एक नई ऊंचाई प्रदान किया, इनकी प्रेरणा और प्रयास से काशी में साहित्यिक संघ की स्थापना,,साहित्य को नई गति मिली। काशी से सटी हुई पुण्य भूमि गुप्तकाशी में इनके जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह मां शारदा शिक्षा एवं सेवा ट्रस्ट द्वारा आयोजित कार्यक्रम काशी वासियों के लिए संदेश है, हमें आशा और विश्वास है कि इस प्रकार का कार्यक्रम आगामी वर्षों में काशी में आयोजित होगा। उपरोक्त विचार हिंदी साहित्य के आलोचक, कवि, जीवन की बारीकियो को
अपने कलम के माध्यम से लिपिबद्ध करने वाले साहित्यकार यश मालवीय ने विंध्य कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय परिसर में ठाकुर प्रसाद जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह में व्यक्त किए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर गोपेश्वर सिंह (दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली) ने ठाकुर प्रसाद सिंह के काव्य संसार पर अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि-“वे एक निर्भीक कवि थे और प्रशासनिक पद पर आसीन रहते हुए भी उन्होंने व्यवस्था के खिलाफ काव्य का लेखन एवं वाचन किया।
श्री सिंह ने नवगीतकार ठाकुर प्रसाद सिंह एवं सम्मानित रचनाकार यश मालवीय द्वारा रचित कविताओं का मिश्रित काव्य पाठ कर काव्य समानताओं को दर्शाया। विचार गोष्ठी में प्रोफेसर राम सुधार सिंह (यू पी कॉलेज वाराणसी), डॉक्टर उमेश सिंह (ललित निबंधकार, चंदौली) प्रोफेसर श्रद्धानंद (महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी) ठाकुर प्रसाद सिंह के भतीजे राजन सिंह ठाकुर प्रसाद के व्यक्तित्व कृतित्व पर विस्तार पूर्वक चर्चा किया। इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष साहित्यकार यश मालवीय एवं श्रीमती मालवीय को ट्रस्ट के प्रधान ट्रस्टी अजय कुमार सिंह, महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ अंजलि विक्रम सिंह, महाविद्यालय के संस्थापक डॉ बी० सिंह कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर गोपेश्वर सिंह द्वारा अंगवस्त्र, प्रशस्ति पत्र स्मृति चिन्ह, 51000 की नगद धनराशि देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती एवं मां भारती के चित्र पर अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन, माल्यार्पण और छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना से हुआ।
महाविद्यालय की छात्राओं ने अतिथियों का स्वागत गीत, माध्यम से करते हुए ठाकुर प्रसाद सिंह द्वारा रचित कविताओं का काव्य पाठ के माध्यम से किया। कार्यक्रम का सफल संचालन शिक्षक/ पत्रकार भोलानाथ मिश्र एवं अतिथियों का आभार महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ अंजलि कुमार सिंह ने व्यक्त किया। संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह में जनपद के प्रख्यात साहित्यकार, पत्रकार डॉ अर्जुन दास केसरी, पंडित ओमप्रकाश त्रिपाठी, प्रख्यात साहित्यकार डॉ रचना तिवारी, जगदीश पंथी, कथाकार रामनाथ शिवेंद्र, दीपक केसरवानी, विजय शंकर चतुर्वेदी सहित महाविद्यालय की शिक्षक, शिक्षिकाएं, छात्राएं उपस्थित रही।