रामजियावन गुप्ता

बीजपुर(सोनभद्र) एनटीपीसी रिहंद आवासीय परिसर से लगा पुनर्वास सेकेंड डोडहर गेट कोरोना काल से बन्द रहने के कारण विस्थापित ग्रामीणों मजदूरों सहित स्कूलों में पढ़ने वाले सैकड़ों बच्चों की काफी फजीहत हो रही है।आरोप है कि पुनर्वास सेकेंड गेट बंद रहने के कारण आवासीय परिसर में संचालित बैंक,पोस्टऑफिस, इण्डेन आफिस,स्कूल, इंश्योरेंस आदि के लिए ग्रामीणों को आठ दस किलोमीटर बेवजह घूम कर पहुँचना पड़ता है।शिकायत है कि डूमरजुआ,खम्हरिया,जरहा,डोडहर गांव के सैकड़ों श्रमिक इसी गेट से रिहंद परियोजना में मजदूरी करने प्रतिदिन जाते थे जिनको अब जंगली और खतनाक रास्ते होते हुए कांट्रेक्टर कालोनी होकर प्लांट के अंदर पहुँचना पड़ता है। पूर्व ग्राम प्रधान भागीरथी बैस और वर्तमान ग्राम प्रधान केपी पाल ने सैकड़ों विस्थापित ग्रामीणों के संयुक्त हस्ताक्षर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे पत्र में कहा है कि एनटीपीसी रिहन्द प्रबन्धन के तानाशाही रवैया के कारण विस्थापित परिवार अपनी जमीन जायजाद परियोजना लगाने को देकर आज खुद गेट खुलवाने के लिए एनटीपीसी रिहंद प्रबन्धन के पास बार बार दण्डवत कर रहे हैं। ग्रामीणों ने पीएम नरेंद्र मोदी से जनहित में संज्ञान लेकर तत्काल गेट खोलवाने की मांग की है। अन्यथा चेताया है कि गेट खोलने को लेकर उग्र ग्रामीण कभी भी अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होगें जिसकी जिम्मेदारी परियोजना प्रबंधन की होगी। प्रबन्धन का पक्ष जानकारी के लिए अपर महाप्रबंधक जाकिर खान को फोन किया गया लेकिन उन्हों ने फोन नही उठाया।
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