नहीं थम रहा ओवरलोड एवं बिना परमिट खनिज पदार्थों का परिवहन
संजय सिंह/दिनेश गुप्ता
चुर्क-सोनभद्र। सोनभद्र में लंबे समय से परिवहन माफिया और प्रशासन के बीच लुकाछिपीकि का खेल बदस्तूर जारी है। परिवहन माफिया हर रोज नए-नए रास्ते खोजकर प्रशासन को
चकमा देने का काम कर रहे हैं वहीं प्रशासन भी उनके हर
हरकत पर पैनी निगाह बनाये हुए हैं मंगलवार की रात प्रशासन खनिज बैरियर से हटकर आरटीओ कार्यालय के पास चेकिंग कर रहा था । तभी पासरों ने मोटर मालिको को लोकेशन बताया कि खनिज बैरियर क्लीन है, फिर क्या इतना सुनते ही सभी ओवरलोड व बिना परमिट की गाड़ियां मारकुंडी नीचे से
ऊपर आ गईं। बताया जा रहा है कि जैसे ही गाड़ियां ऊपर
पहुंची पासर ने एक बार फिर लोकेशन बदला और बताया
कि आगे आरटीओ कार्यालय के पास चेकिंग चल रही है,
फिर क्या परिवहन माफिया खुद को घिरता देख गाड़ी
चुर्क की तरफ मोड़ दिया। दर्जनों ओवरलोड व बिना
परमिट की हाइवा, टीपर व दस चक्का गाड़ी पुलिस लाइन
होते हुए चुर्क से छपका की तरफ भागने लगी तभी चौकी प्रभारी चुर्क अजय श्रीवास्तव की नजर गाडिंयो पर पड़ी उन्होंने तुरन्त गाड़ियां घेर लिया और गाड़ियां आगे पुलिस चौकी के पास सभी घिर गए। पुलिस व प्रशासन की संयुक्त टीम के फेंकें जाल में खुद को फंसता देख गाड़ी के चालक व खलासी गाड़ी छोड़ भाग खड़े हुए बाद में सूचना पर पहुंचे खनन इंस्पेक्टर ईश्वर चंद ने सभी अवैध परिवहन कर रहे गाड़ियों को कब्जे में लेकर जांच की और लगभग 10 गाड़ियों को सीज कर दिया । सीज की कार्यवाही करने के दौरान यह भी पाया गया कि लगभग सभी गाड़ियों के नम्बरप्लेट नहीं थे, कुछ गाड़ियों
में थे भी तो वह फर्जी थे। प्रशासन की इस कार्यवाही के बाद परिवहन माफियाओं में हड़कम्प की स्थिति है। लेकिन पकड़ी गई सभी गाड़ियां अवैध परिवहन में सीज की गई है जिनके पास न तो परमिट था और वे ओवरलोड थे ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर लोडिंग पॉइंट से मारकुंडी तक
गाड़ियां पहुंची कैसे, क्योंकि इस बीच थाने व चौकियों के
अलावा वन विभाग भी पड़ता है बहरहाल प्रशासन की इस कार्यवाही के बाद अब देखना है कि परिवहन माफियाओं की अगली चाल क्या होती है? क्या परिवहन माफिया धंधे को बन्द
कर देंगे या फिर प्रशासन को चुनौती देने के लिए आगे
आएंगे।