अवर्षण के चलते खेती -बाडी़ चौपट
सूखाग्रस्त घोषित करने की उठी रही मांग
सोनभद्र(सर्वेश कुमार/संतोष नागर)। अवर्षण के चलते जनपद में खेती – बाडी़ को लेकर किसानों के बीच त्राहि -त्राहि मचा हुआ है। बताते चलें कि इस वर्ष शुष्क मानसून एवं निष्ठुर बादलों ने किसानों के माथे पर पसीना एवं चिंता की लकीरें गहरी कर दी है। अवर्षण के चलते मौसमी धान की फसलों समेत साग- सब्जी की खेती -बाडी़ पर जबरदस्त प्रभाव पड़ा है।
हमारे घोरावल संवाददाता(रमेश कुशवाहा) के अनुसार-इस तहसील क्षेत्र में एक ओर जहां पानी के अभाव में मुख्य खेती धान की फसल चौपट हो गई वहीं दूसरी ओर पेयजल किल्लत का भी सामना करना पड़ रहा है। मानसून सत्र में अच्छी बारिश न होने से ताल -तलैया तो दूर गढ्ढे तक नहीं भर पाए हैं।इसी तरह बेरूखी मौसम रहा तो अनुमान है कि नये साल के शुरुआती दिनों से ही लोगों को पेयजल किल्लत का सामना करना पड़ सकता है। इस संबंध में क्षेत्रीय किसान आद्धा पाण्डेय, परिवेश कुमार श्रीवास्तव, माला चौबे, राम अवतार निषाद, दयाशंकर निषाद, मनोज मौर्या, अखिलेश यादव संतोष कुमार पटेल आदि ने सूखे की मार झेलते हुए शासन -प्रशासन से इस जनपद को तत्काल सूखाग्रस्त घोषित करते हुए किसानों को राहत दिलाने की मांग किया है।
हमारे संवाददाता (ज्ञानदास कन्नौजिया) के अनुसार -इस समूचे क्षेत्र में किसान सूखे की मार झेल रहे हैं। पानी के अभाव में धान की फसलों के खेतों में दरारें पड़ गई है। इस समूचे जनपद में अवर्षण के चलते यहां यही चरितार्थ हो रहा है कि -“सूख गइनी खेतिया झुराई गइनी बिरई,मरेनी चिरई,कईसे होई हैं गुजारा हो मरेनी चिरई”।
इसी कड़ी में हमारे संवाददाता रामरूप शुक्ला ने बताया कि सूखा का आलम यह है कि किसान अपनी गाढ़ी कमाई से धान की रोपाई के लिए सभी तरह की तैयारी करके इस आश में बैठे हैं कि इन्द्र देव की मेहरबानी हो जाय। जो भी हो, मौसम की बेरुखी इस कदर हावी है कि भादों का महीना शुरू हो गया है लेकिन बारिश होने का नाम ही नहीं ले रहा है। ऐसी परिस्थिति में जनपद के किसानों ने शासन -प्रशासन का ध्यानाकृष्ट कराते हुए सूखाग्रस्त घोषित कराने की मांग किया है।
मंडल अध्यक्ष भाजपा किसान मोर्चा राज बहादुर सिंह मांग किया है कि सोनभद्र जिला भयंकर सूखे की चपेट में आ चुका है जिससे किसान भाई अत्यंत ही चिंतित हैं और किसान भाइयों की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय होती जा रही है। किसान भाइयों के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा एवं किसान भाइयों के समस्त कर्जे को माफ करते हुए बैंक की वसूली बंद की जाए जिससे किसानों को दोहरी मार नही झेलनी पडे।